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    Sunday, December 22, 2024
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      बिहारशरीफ में डोमिसाइल नीति को हटाने और शिक्षक अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में विद्यार्थी परिषद का धरना प्रदर्शन

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। शिक्षक बहाली में बिहार के छात्रों के हित में डोमिसाइल नीति को वापस लेने एवं शिक्षक अभ्यर्थियों पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज के विरोध में विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने बिहारशरीफ के अस्पताल चौराहा पर धरना प्रदर्शन किया।

      धरना को संबोधित करते हुए एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सज्जन कुशवाहा ने कहा कि  विद्यार्थी परिषद सदैव ही छात्र हितों में मजबूती से खड़ा रही है। बिहार एक युवा प्रधान राज्य है जहां उद्योग कल कारखानों एवं रोजगार का घोर अभाव है ऐसे में राज्य के सभी युवाओं के पास सरकारी नौकरी ही रोजगार के एकमात्र उपाय हैं ।

      जिला संयोजक अमर राजपूत ने कहा कि 2 जुलाई को पटना में शिक्षक अभ्यार्थियों द्वारा किये जा रहे शांतिपूर्वक प्रदर्शन पर बर्बरतापूर्वक  किए गए लाठीचार्ज की घोर निंदा करती है। इस प्रकार है उन पर बिहार सरकार सदैव लाठीचार्ज करते आई है जैसे कोई वह छात्र नहीं आतंकवादी हो। इसके लिए बिहार सरकार को सार्वजनिक रूप से उन छात्र-छात्राओं से माफी मांगनी चाहिए।

      शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी बिहार में गणित,भौतिकी जैसे विषयों के अभ्यर्थियों की कमी को बताते हैं लेकिन उन्हें विद्यार्थी परिषद यह बता देना चाहता है कि भारत ही नहीं अन्य देशों में भी इन विषयों के बिहारी छात्रों का हमेशा जलवा रहा है। उन्हें ज्ञात हो कि शून्य की खोज करने वाले आर्यभट्ट भी बिहारी हीं थे।

      प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रतीक राज ने कहा कि बिहार में मेघा की कोई कमी नहीं है और साइंस स्ट्रीम के विद्यार्थियों की भी कोई कमी नहीं है। बिहार सरकार पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को एक समय सीमा के अंदर पूरा करें!

      अभी तक 8 बार विज्ञापन में संशोधन किया जा चुका है जिस प्रकार शिक्षक बहाली निकाली गई है  और लगातार जिस प्रकार हमेशा उसमें संशोधन किया जा रहा है, इससे यह सिद्ध हो रहा है  कि बिना तैयारी के यह बहाली निकाल दी गई है।

      बिहार सरकार के हर सरकार के शासनकाल में हर वैकेंसी में धरना प्रदर्शन की नौबत आई है  डोमिसाइल नीति को हटाना बिहार के युवाओं के सपनों को कुचलना एवं उनके साथ विश्वासघात को दर्शाता है।

      शिक्षा मंत्री इसके पीछे जो तर्क दे रहे हैं, वह बिहार का अपमान है। शिक्षा मंत्री को भी इसके लिए माफी मांगनी चाहिए एवं इस्तीफा देनी चाहिए। इस मौके पर अभिषेक, रजनीश, समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।

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