“आपदा प्रबंधन समिति के प्रशिक्षित बाल प्रेरक फोकल शिक्षक के सहयोग से विद्यालय के अन्य बच्चों को आपदाओं से बचाव के लिए प्रशिक्षित करेंगे…
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। आपदाएं कभी बता कर नहीं आती हैं और जब आती है तो जान माल का भारी नुकसान पहुंचाती है। विभिन्न प्रकार की आपदाओं में अक्सर छोटे बच्चे ही सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओ की सुरक्षा के प्रति शिक्षा विभाग पूरी तरह से सजग है।
जिले के सभी सरकारी स्कूलों में सुरक्षित शनिवार तथा सड़क सुरक्षा आदि कार्यक्रम पूर्व से संचालित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में स्कूलों में मीना मंच, बाल प्रेरक आदि का भी चयन किया गया है।
बच्चों की सुरक्षा को और अधिक महत्व देते हुए सभी सरकारी तथा निजी विद्यालयो के साथ-साथ मदरसो में भी अब आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा। इसके लिए सभी विद्यालयों में फोकल शिक्षक तथा बाल प्रेरकों का चयन किया जाएगा। शिक्षक ही बाल प्रेरकों के सहयोग से आपदा प्रबंधन समिति का गठन करेंगे।
बाल प्रेरक के रूप में बाल संसद एवं मीना मंच के छात्र-छात्राओं को भी शामिल किया जाएगा। कक्षा के अन्य बच्चे जिनका संवाद संप्रेषण अच्छा होगा, उन्हें भी बोल प्रेरक बनाया जाएगा। इस आपदा प्रबंधन समिति के द्वारा स्कूल के अन्य सभी बच्चो को विभिन्न प्रकार की आपदाओं से बचाव की जानकारी दी जाएगी।
इससे बच्चे विभिन्न आपदाओं के समय घबराने के बजाय स्वयं के साथ-साथ दूसरे बच्चों को भी सुरक्षा पहुंचाने में सहयोगी बनेंगे। इससे विभिन्न प्रकार के जोखिमों को कम करने में मदद मिलेगी। बच्चे स्कूल आने-जाने से लेकर पढ़ने तक में सुरक्षित रहेंगे।
स्कूल के छात्र शिक्षक, अभिभावक एवं विद्यालय शिक्षा समिति के तीन मनोनीत सदस्यों के साथ बैठक कर विद्यालय आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा। समिति में बाल संसद के सभी मंत्री फोकल शिक्षक विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष तथा अलग-अलग कक्षाओं के दो तीन बाल प्रेरक शामिल होंगे।
प्राथमिक, मध्य तथा उच्च विद्यालयों में इस समिति में कुल 13 सदस्य शामिल होंगे। प्राथमिक तथा मध्य विद्यालय में विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष ही समिति के अध्यक्ष होंगे। जबकि उच्च विद्यालयो मे विद्यालय के प्रधानाध्यापक आपदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष तथा फोकल शिक्षक सचिव होंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जिले के सभी विद्यालयों में आपदा प्रबंधन समिति गठित करने का निर्देश दिया गया है।
आपदाओं से बचाव का प्रशिक्षण विभिन्न प्रकार की आपदाओं से बचाव के लिए सबसे पहले आपदाओं की पहचान होनी जरूरी है। आपदाएं अचानक भी आती है तथा मौसमी भी होती है। विभिन्न महीने में विभिन्न प्रकार की आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है।
आपदा प्रबंधन समिति के द्वारा सर्वप्रथम बाल प्रेरकों को विभिन्न प्रकार की आपदाओं भूकंप, बाढ़, अगलगी, ठनका, सड़क दुर्घटना, सुखाड, भगदड़, जलवायु परिवर्तन, सर्पदंश, पेयजल, स्वच्छता, व्यक्तिगत स्वच्छता, डायरिया, निमोनिया जैसे बीमारियों के प्रबंधन, प्राथमिक उपचार, खोज एवं बचाव, स्वास्थ्य एवं पोषण, पोक्सो एक्ट आदि पर प्रशिक्षित कराया जाएगा।
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