Home भ्रष्टाचार ई-शिक्षा कोष पोर्टल सर्वर सेवा में खराबी बनी शिक्षकों की बड़ी मुसीबत

ई-शिक्षा कोष पोर्टल सर्वर सेवा में खराबी बनी शिक्षकों की बड़ी मुसीबत

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Failure in the server service of e-Shiksha Kosh portal has become a big problem for teachers
Failure in the server service of e-Shiksha Kosh portal has become a big problem for teachers

राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ई-शिक्षा कोष पोर्टल में खराबी अब आम समस्या बन चुकी है। इस पोर्टल पर शिक्षकों को अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करनी होती है। लेकिन आए दिन इसके सर्वर ठप रहने की खबरें सामने आ रही हैं। इसका खामियाजा शिक्षकों और पूरे शिक्षा तंत्र को भुगतना पड़ रहा है।

बीते गुरुवार को ई-शिक्षा कोष पोर्टल का सर्वर पूरे दिन डाउन रहा। आज भी स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। इससे शिक्षकों को अपनी ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऑनलाइन हाजिरी न बन पाने के कारण शिक्षक चिंतित रहते हैं कि उनका वेतन काट लिया जाएगा।

सर्वर की समस्या और नेटवर्क की कमी के कारण कई शिक्षक स्कूल परिसर में मोबाइल लेकर इधर-उधर दौड़ते दिखे, ताकि नेटवर्क पकड़ा जा सके। कुछ को यह भी भ्रम हो गया कि उनका मोबाइल खराब हो गया है।

इस समस्या को लेकर शिक्षकों ने जिला शिक्षा कार्यालय में फोन कर शिकायतें दर्ज कराई। लेकिन कार्यालय का कहना है कि सर्वर डाउन होने के कारण कम ही शिक्षक अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर पाए। बुधवार को तो पोर्टल पर एक भी शिक्षक की हाजिरी दर्ज नहीं हो पाई थी।

सूत्रों के अनुसार ई-शिक्षा कोष पोर्टल का रखरखाव करने वाली कंपनियों की मनमानी और विभागीय तकनीकी अज्ञानता से यह समस्या और गंभीर हो गई है। पोर्टल के मेंटेनेंस के नाम पर सेवा प्रदाता कंपनियां मनमानी फीस वसूल रही हैं, जबकि समस्या जस की तस बनी हुई है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ से शिक्षकों और अभिभावकों की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। यह समय है कि विभाग हवा में वादे करने के बजाय इस समस्या का स्थायी समाधान खोजे। क्योंकि इसका शिक्षा व्यवस्था और पठन-पाठन कार्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया है कि सर्वर की दिक्कतों को जल्द से जल्द ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन जब तक यह समस्या हल नहीं होती, तब तक शिक्षकों और शिक्षा व्यवस्था को इस डिजिटल विफलता का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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