Home पर्यटन राजगीर, नालंदा और पावापुरी में देशी-विदेशी पर्यटकों का महोत्सव शुरु

राजगीर, नालंदा और पावापुरी में देशी-विदेशी पर्यटकों का महोत्सव शुरु

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Festival of domestic and foreign tourists begins in Rajgir, Nalanda and Pawapuri
Festival of domestic and foreign tourists begins in Rajgir, Nalanda and Pawapuri

राजगीर (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के राजगीर, नालंदा और पावापुरी में पर्यटन मौसम की शुरुआत हो चुकी हैं। यह न केवल देशी पर्यटकों के लिए, बल्कि विदेशी सैलानियों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन गया हैं। इस मौसम में आने वाले त्योहारों और महोत्सवों के साथ, यह क्षेत्र एक बार फिर से पर्यटकों का ध्यान खींच रहा हैं।

दशहरा के बाद दीपावली, छठ, क्रिसमस, न्यू ईयर, मकर संक्रांति और होली जैसे प्रमुख त्योहारों की धूम मचने को तैयार हैं। इस दौरान श्रीलंकाई पर्यटकों का एक समूह राजगीर के रोपवे की सैर करने के लिए आया हैं, जो देश की सबसे प्राचीन राजधानी की अद्भुत यात्रा को और भी रोमांचक बना देता हैं।

राजगीर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता हैं। यह बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल हैं। यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, तीर्थंकर महावीर स्वामी की निर्वाण भूमि पावापुरी और तीर्थंकर मुनिसुव्रत स्वामी की जन्मभूमि शामिल हैं।

इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता, जैसे- पंच पहाड़ियां, जंगल, झीलें और उद्यान भी पर्यटकों को खींचते हैं। इसके अलावा भारत का पहला आकाशीय रज्जू मार्ग (रोपवे) और स्काई ग्लास ब्रिज यहाँ की अनूठी विशेषताएँ हैं।

राजगीर में इस मौसम में विभिन्न महोत्सवों का आयोजन भी होने जा रहा हैं। दुर्गापूजा के दौरान राजकीय दोगी महोत्सव का आयोजन किया गया और आगामी महोत्सवों में पावापुरी महोत्सव, जरासंध महोत्सव, सूर्य महोत्सव और अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव शामिल हैं। इसके अलावा द्वापरकालीन सूर्यपीठ बड़गांव में राजकीय छठ मेला और राजगीर में राजकीय मकर मेला भी निर्धारित हैं।

इन महोत्सवों और मेलों का आयोजन न केवल पर्यटन उद्योग को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं, बल्कि यह नालंदा, राजगीर और पावापुरी जैसे स्थलों को और भी आकर्षक बनाता हैं। इस प्रकार इस क्षेत्र में पर्यटन का मौसम केवल सैर-सपाटा ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक समागम और धार्मिक अनुष्ठान का भी केंद्र बनता जा रहा हैं।

निश्चित रूप से राजगीर, नालंदा और पावापुरी का यह उत्सवात्मक माहौल पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। जिससे यह क्षेत्र आने वाले समय में और भी लोकप्रिय हो सकता हैं। यदि यही सिलसिला जारी रही तो इस वर्ष विदेशी पर्यटकों की संख्या में नया रिकॉर्ड बन सकता है।

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