Home नालंदा फिर बंद हुई राजगीर गंगा-जमुना कुंड की धारा, पर्याप्त वर्षा का इंतजार

फिर बंद हुई राजगीर गंगा-जमुना कुंड की धारा, पर्याप्त वर्षा का इंतजार

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Flow of Rajgir Ganga-Jamuna Kund closed again, waiting for sufficient rain

राजगीर (नालंदा दर्पण)। पिछले कुछ दिनों के दौरान हुई वर्षा के कारण जहां एक ओर पर्वतीय झरनों की झड़ी लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर ब्रह्मकुंड क्षेत्र के महीनों से सूखे गंगा-जमुना एवं अन्य कुंडों में भी शुरु हुई जलधारा वर्षा बन्द होते ही गंगा-यमुना की धारा फिर से बंद हो गई। इसके कारण लोगों में भारी मायूसी देखी जा रही है। लोगों को विश्वास है कि अगर समुचित तौर पर वर्षा होती है। तब सूख चुके गंगा-जमुना की दोनों गर्मजल धारा की फिर से वापसी होगी।

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर का प्रमुख आकर्षण रहे कुंडों की गर्म जल धाराओं व झरनों का बेशुमार आध्यात्मिक महत्त्व है। वैभारगिरि पर्वत के तलहटी में ब्रह्म कुण्ड परिसर स्थित गंगा जमुना, मार्कंडेय कुंडों तथा सप्तधारा आदि देशी विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। जिसका महत्त्व पुरुषोत्तम मास मेला, मकर मेला, श्रावणी मेला सहित अन्य धार्मिक अवसरों पर काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।

यहां स्नान ध्यान, पूजि अर्चना दान धर्म कर्म के लिए दूर दूर से लोग पहुंचते हैं। जबकि कुछ सालों से अच्छी वर्षा के अभाव में यहां के कुछ कुंडों की जलधाराएं विगत कई वर्षों से एकदम सुखा पड़ता जा रहा है। इसमें गंगा-जमुना गर्मजल धारा का अस्तित्व खतरे में है। मगर वर्षा के मौसम में कई महीनों से एकदम मृतप्राय हो चूके गंगा जमुना की पूर्वी जलधारा शुरू हुई थी।

कहते हैं कि पिछले दो दिनों तक गंगा-जमुना में पानी गिरने लगा था। मगर फिर बंद हो गया है। उन्होंने बताया कि गंगा-जमुना की अपना अलग से जलस्रोत है। शायद उस जलस्रोत मार्ग में किसी प्रकार की बाधा प्रतीत होती है। उसे साफ कराने के लिए कमिटी विचार कर रही है।

राजगीर पंडा कमेटी के अनुसार वर्ष 2018 से पहले और उसके बाद लगातार वर्षा के अभाव में तथा कुंड क्षेत्र के आस पड़ोस में हुई डीप बोरिंग के कुप्रभावों के असर से इस कुंड की गर्म जलधारा अदृश्य हो गई। जबकि राजकीय पुरुषोत्तम मास मेला 2023 में यह धारा चालू रहा।

गंगा जमुना कुंड, 22 कुंड और 52 धाराओं में प्रमुखता से शुमार है। पहले इस कुंड की बहती जलधारा की आवाज सैंकड़ों मीटर दूर से सुनाई देती थी। लेकिन पिछले फरवरी माह से गंगा-जमुना की जलधारा बंद है। लेकिन लगता है कि वर्षा के मौसम में मृतप्राय गंगा-जमुना गर्मजल धारा अपनी वापसी करेगी।

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