बिहार शरीफ (तालिब / नालंदा दर्पण)। बिहार में जश्न शादी, जीत या फिर किसी अन्य समारोह का हो, हथियारों की नुमाइश आम बात हो गई है।
ऐसे में सवाल उठना लाजमि है कि सरकार हथियार का लाइसेंस खुद की सुरक्षा के लिए देती है या इसकी नुमाइश कर ग्रामीणों में भय दिखाने के लिए है।
ताज़ा मामला नालंदा ज़िले के कतरीसराय थाना क्षेत्र क़तरडीह गांव के RJD नेता उदय सिंह का है, जो नए घर के गृह प्रवेश के जश्न में अपने बेटे के साथ खुलेआम हर्ष फायरिंग कर रहे हैं, जो सरासर ग़ैरकानूनी हैं।
हालांकि अब देखना यह होगा कि इस वायरल वीडियो की हकीकत क्या है। इसका ज़िम्मेदार कौन है? क्या सरकार और प्रशासन ऐसे लोगों पर सख़्ती बरतेगी या फ़िर इस तरह के मामलों में कोई अप्रिय घटना घटेगी तो फ़िर संज्ञान लेगी और कारवाई के नाम काग़ज़ी खानापूर्ति कर मामले को ठंडे बस्ते में दबा देगी?
आज कल ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगहा लोग हथियार लहराते है। कुछ तो अपना दबदबा कायम करने के लिए सभी के सामने हर्ष फायरिंग करते है। मगर कुछ लोग इसका वीडियो बना सोशल मीडिया पर वायरल कर देते है।
सबसे बडी बात कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में कानून व्यवस्था पर तरस आता है कि वीडियो सभी के पास पहुंच जाता है, मगर इसके बाद भी कतरीसराय थाना की पुलिस कार्रवाई करने में धीमा गाति अपना लेती है। अनुसंधान के नाम पर खानापूर्ति करने में भी पीछे नहीं रहती है।