प्रेमी की हत्या मामले में पति-पत्नी को आजीवन कारावास

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला एससी/एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एवं एडीजे-6 धीरज कुमार भास्कर ने प्रेमी की हत्या से जुड़े एक सनसनीखेज हत्याकांड में आरोपित पति-पत्नी रंजन कुमार और ज्योति कुमारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर 30000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने आरोपियों को आपराधिक षड्यंत्र रचने और साक्ष्य छिपाने के लिए भी दोषी ठहराया। जिसके तहत क्रमशः 10 साल और 3 साल की सजा सुनाई गई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
यह मामला नूरसराय थाना क्षेत्र के बाराखुर्द गांव का है। जहां रंजन कुमार और उनकी पत्नी ज्योति कुमारी पर मृतक विकास कुमार चौधरी की साजिश रचकर हत्या करने का आरोप था। विकास सिलाव थाना क्षेत्र के नानंद गांव का निवासी था। अभियोजन के अनुसार विकास और ज्योति कुमारी के बीच पहले प्रेम संबंध थे। जो ज्योति की शादी के बाद भी जारी रहे। विकास का ज्योति के घर आना-जाना और कथित तौर पर छेड़छाड़ करना रंजन को नागवार गुजरा। इससे नाराज होकर दोनों ने मिलकर विकास की हत्या की योजना बनाई।
17 नवंबर 2022 को परवलपुर-बिहारशरीफ रोड पर नारी छिलका के पास ग्रामीणों की सूचना पर चौकीदार राजेश कुमार ने एक प्लास्टिक के बोरे में कटे हुए हाथ-पैर बरामद किए। नूरसराय थाना पुलिस ने जांच शुरू की और आधुनिक तकनीकों जैसे मोबाइल कॉल डिटेल और लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर रंजन और ज्योति को हिरासत में लिया। पूछताछ में दोनों ने हत्या की बात कबूल की और पुलिस को मृतक के शव के अन्य हिस्सों को बरामद करने में मदद की। मृतक का धड़ दीपनगर थाना क्षेत्र के सिपाह में पंचाने नदी से और सिर पटना जिले के पुनपुन नदी पुल के नीचे झाड़ियों से बरामद हुआ।
मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत हुई। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक राणा रणजीत सिन्हा और सूचिका शोभा कुमारी ने पैरवी की। अधिवक्ता रंजन कुमार उर्फ राजन ने कोर्ट में बहस के दौरान फोरेंसिक रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और 12 गवाहों के बयानों के आधार पर मामले को पुख्ता किया। आरोपियों ने पुलिस के समक्ष कबूल किया कि उन्होंने 16 नवंबर 2022 को विकास को घर बुलाया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद कुदाल से शव के टुकड़े किए और टेंपो के जरिए अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिए।
न्यायाधीश धीरज कुमार भास्कर ने इस हत्याकांड को दुर्लभतम श्रेणी का बताया। हालांकि आरोपियों की पारिवारिक स्थिति, उनके दो मासूम बच्चों, बुजुर्ग पिता और रंजन की मेडिकल रिपोर्ट में रोगग्रस्त होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मृत्युदंड के बजाय आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही कोर्ट ने मृतक के परिवार को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत सहायता राशि प्रदान करने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) को दिया।
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