दिव्यांग बच्चों के लिए जल्द होगी 7279 विशेष शिक्षकों की भर्ती, जानें डिटेल

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों के लिए एक सकारात्मक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए शिक्षा विभाग ने विशेष विद्यालय अध्यापकों के 7279 नए पदों का सृजन किया है। इनमें मूल कोटि के 5534 और स्नातक कोटि के 1745 शिक्षकों के पद शामिल हैं। इस महत्वपूर्ण निर्णय की आधिकारिक घोषणा प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने की है। जिससे राज्य के शिक्षा क्षेत्र में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से बताया कि यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुपालन में लिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने रजनीश कुमार पांडेय एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य मामले में 7 मार्च 2025 को एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया था। जिसमें दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन पदों के सृजन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया।
शिक्षा विभाग ने हाल ही में संपन्न हुए बजट सत्र के दौरान यह स्पष्ट किया था कि वित्तीय वर्ष 2025-2026 में राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग और विशेष योग्यता वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए इन 7279 विशेष अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को अधियाचना भेज दी गई है और जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।
यह कदम बिहार के शिक्षा क्षेत्र में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। विशेष योग्यता वाले बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति न केवल उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करेगी, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। शिक्षा विभाग के इस प्रयास से नालंदा सहित पूरे बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों दिव्यांग बच्चों को बेहतर भविष्य की उम्मीद जगी है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि इन शिक्षकों का चयन कड़े मापदंडों और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। ताकि केवल योग्य और समर्पित शिक्षक ही इन पदों पर नियुक्त हों। इसके अलावा विभाग ने यह भी सुनिश्चित करने का वादा किया है कि इन शिक्षकों को समय-समय पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। ताकि वे दिव्यांग बच्चों की विशिष्ट आवश्यकताओं को समझ सकें और उन्हें प्रभावी ढंग से शिक्षा दे सकें।
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