राजगीर (नालंदा दर्पण)। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का केंद्र राजगीर इस 25 अक्टूबर को एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विश्वशांति स्तूप की वर्षगांठ समारोह की मेजबानी करेगा। इस अवसर पर जापान, कोरिया, थाईलैंड सहित कई देशों के बौद्ध धर्मावलंबी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां एकत्रित होंगे।
इस समारोह को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। जिसमें बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम, विश्व शांति स्तूप व्यवस्थापक समिति और बुद्ध विहार सोसायटी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
तैयारियों का अद्भुत नजाराः विश्वशांति स्तूप की सफेद रंग से रंगाई की जा रही हैं, जो स्तूप की आध्यात्मिक और सौंदर्यपूर्ण महत्ता को और बढ़ा देगा।
इसके अलावा नेशनल हाइवे-82 से विश्वशांति स्तूप तक की सड़क के दोनों ओर बने गैबियन (पत्थरों से भरी दीवारें) की भी रंगाई-पुताई युद्ध स्तर पर की जा रही हैं।
रोपवे बिल्डिंग और अन्य इमारतों को नवनिर्मित इंटीग्रेटेड बिल्डिंग के रंग में रंगा जा रहा हैं, ताकि स्थल का संपूर्ण रूप एक नए और आकर्षक रूप में प्रस्तुत हो सके।
आगामी समारोह में शामिल होने वाले विशिष्ट अतिथिः इस वर्षगांठ समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और कई सांसद और विधायक शामिल होंगे।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया हैं, लेकिन हाल ही में उनका राजगीर दौरा होने के कारण उनका आना अभी अनिश्चित हैं।
नवीन इंटीग्रेटेड बिल्डिंग का उद्घाटनः इस खास अवसर पर नवनिर्मित इंटीग्रेटेड बिल्डिंग का उद्घाटन भी सुनिश्चित किया गया हैं, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और रोपवे के साथ क्षेत्र की पर्यटन सुविधाओं को और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
भिक्षु टी. ओकोनोगी का नेतृत्वः विश्वशांति स्तूप के व्यवस्थापक भिक्षु टी. ओकोनोगी ने बताया कि स्तूप की रंगाई-पुताई का काम शीघ्र पूरा होने वाला हैं और समारोह की तैयारियों को लेकर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक विशेष अवसर होगा, जहां वे शांति और सद्भावना के प्रतीक इस स्तूप के सामने एकत्रित होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध धर्मावलंबियों का आगमनः हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जापान, कोरिया, थाईलैंड सहित कई देशों के बौद्ध धर्मावलंबी इस पावन अवसर पर राजगीर पहुंचेंगे। विश्वशांति स्तूप न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में शांति का प्रतीक माना जाता हैं और इसका यह वार्षिक आयोजन इसे वैश्विक धरोहर के रूप में और मजबूत करता हैं।
समारोह की महत्ताः विश्वशांति स्तूप की वर्षगांठ का यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता हैं, बल्कि यह राजगीर की सांस्कृतिक धरोहर को भी विश्व मंच पर स्थापित करता हैं। इस मौके पर स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय श्रद्धालु एक साथ मिलकर शांति और सामंजस्य का संदेश देंगे। जिससे यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बन जाता हैं।
राजगीर का विश्वशांति स्तूप इस वर्षगांठ के मौके पर एक बार फिर वैश्विक ध्यान का केंद्र बनेगा। जहां एक तरफ बौद्ध धर्मावलंबियों की श्रद्धा और आस्था इस स्थान पर प्रकट होगी। वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक तैयारियां इस समारोह को यादगार बनाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
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