गाँव-जवारनालंदाबिग ब्रेकिंगबिहार शरीफरोजगार

अब किसानों के शॉपिंग मॉल बनेंगे बिहार के सारे पैक्स

बिहार सरकार पैक्सों के माध्यम से 300 से अधिक प्रकार की नागरिक सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। जिसके बदले में सरकार पैक्सों को भुगतान करेगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार सृजित करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) को बहुउद्देश्यीय बनाकर किसानों के लिए शॉपिंग मॉल में बदलने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। अब पैक्स केवल धान खरीदने तक सीमित नहीं रहेंगे। बल्कि जन औषधि केंद्र, पेट्रोल, डीजल आउटलेट्स, उर्वरक, बीज, कृषि उपकरण, कीटनाशक, मिट्टी और बीज परीक्षण जैसी कई सेवाएं प्रदान करेंगे। इसके अलावा क्षेत्र की जरूरत के अनुसार अन्य सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी।

इस योजना के तहत सहकारिता बायलॉज में संशोधन का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। राज्य के सभी पैक्स को बहुउद्देश्यीय इकाइयों के रूप में विकसित किया जाएगा। अभी तक कुछ चुने हुए पैक्स ही उर्वरक और बीज वितरण जैसे कार्य कर रहे थे। लेकिन अब सभी पैक्स इन कार्यों के साथ-साथ तीन सौ प्रकार की नागरिक सुविधाएं भी प्रदान करेंगे। इनमें रेलवे और हवाई जहाज टिकट, जाति और आवासीय प्रमाण पत्र, प्रतियोगी परीक्षा फॉर्म भरने और सरकारी योजनाओं के ऑनलाइन आवेदन जैसी सेवाएं शामिल हैं।

इस नई पहल से किसानों को उनके गांव में ही आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी और वे कृषि संबंधी सामग्री और सेवाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावे सहकारिता की डेयरी समितियों से प्राप्त दूध को देशभर में भेजने और उससे मिठाई, लस्सी और आइसक्रीम बनाने की योजना भी तैयार की जा रही है। इससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

बता दें कि सहरसा, पश्चिम चंपारण, गया, नालंदा, पूर्णिया और अररिया जिलों के पैक्सों ने इन बहुउद्देश्यीय कार्यों से शानदार कमाई की है। पूर्णिया: 48 लाख रुपये, पश्चिम चंपारण: 46 लाख रुपये, गया: 1.90 करोड़ रुपये, सीतामढ़ी: 12 लाख रुपये, नालंदा और अररिया: 39-39 लाख रुपये की कमाई की है। इसके अलावे ऑनलाइन सेवाओं और अन्य कार्यों से राज्य के पैक्सों ने कुल 6.46 करोड़ रुपये की कमाई की है।

वेशक सरकार की इस पहल से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा और वे सहकारी समितियों के माध्यम से अपने उत्पादों को बेहतर बाजार तक पहुंचा सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!
Bihar Sharif covered with red flags regarding Deepnagar garbage dumping yard in nalanda ई BPSC टीचर बच्चों के बीच क्या मिमिया रहा है KK पाठक साहब? ई BPSC टीचर की गुंडई देख लीजिए KK पाठक साहब ! जानें भागवान महावीर के अनमोल विचार