बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक आनंद कुमार चौधरी को पैक्स निर्वाचन के उम्मीदवारों से नो ड्यूज प्रमाण पत्र लेने का निर्देश देना महंगा पड़ गया है। निर्वाचन प्राधिकार ने इस आदेश को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है और इसके तहत सहकारिता विभाग के सचिव को श्री चौधरी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है।
बता दें कि इस प्रकरण की शुरुआत तब हुई, जब श्री चौधरी ने जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को एक पत्र जारी कर यह निर्देश दिया कि उम्मीदवारों का नामांकन स्वीकृत करते समय नो ड्यूज प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। परंतु यह आदेश सहकारिता विभाग के नियमों के विपरीत था।
निर्वाचन प्राधिकार के सचिव ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसे चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया है। सचिव के अनुसार कोई भी अधिकारी या संस्था निर्वाचन पदाधिकारियों को सीधे निर्देश नहीं दे सकती। निर्वाचन प्राधिकार के प्रतिनिधि स्वतंत्र रूप से चुनाव प्रक्रिया संचालित करते हैं, और इस तरह के आदेश उन्हें प्रभावित कर सकते हैं।
इसके अलावा चुनावी नियमावली के अनुसार सहकारिता ऋण के डिफॉल्टर होने के आधार पर किसी उम्मीदवार का नामांकन रद्द नहीं किया जा सकता है। जब तक कि इस संबंध में सक्षम प्राधिकार द्वारा पारित कोई ठोस आदेश प्रस्तुत न हो। नामांकन पत्र के साथ नो ड्यूज प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य नहीं है और यह श्री चौधरी द्वारा जारी निर्देश का विरोधाभास दर्शाता है।
फिलहाल निर्वाचन प्राधिकार ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है और अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की है।
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