इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इसलामपुर प्रखंड के कोचरा पान शीत भवन में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस मौके पर पीएलवी आलोक कुमार ने कहा कि सरकार द्घारा वर्ष 2014 मे पीड़ित के लिए स्कीम लागू किया गया था। जिसमें तेजाब से हमला, दुष्कर्म, विकलांगता, आदि की स्थिति पैदा होने पर तीन लाख तक मुआवजा देने की व्यवस्था किया गया था। इस योजना के तहत पीड़ित पक्ष को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई।
बिहार विक्टिम मुआवजा योजना राज्य सरकार द्वारा जुर्म की शिकार महिलाओं के कल्याण के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत एसीड अटैक, रेप जैसै अत्याचार की शिकार महिलाओं को राज्य सरकार द्घारा तीन लाख की आर्थिक मदत पहुंचाई जाती है।
यदि पीड़िता का 80 प्रतिशत से अधिक चेहरा खराब हुआ है। तब उसे आजीवन दस हजार रुपया की आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई जाती है। लेकिन लाभार्थियों की दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाई जाती है।
ताकि इस योजना से लाभार्थी की आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगा और उनके जीवन स्तर मे सुधार आ सके। लेकिन इस मुआवजे की राशि पुर्व मे तीन लाख था जो इधर बढाकर साथ लाख रुपया कर दिया गया है। ताकि पीड़िता की जीवन और बेहतर से गुजर सके।
इसके लिए सरकार ने योजना की राशि को बढाकर दस लाख कर दिया है। ताकि लाभार्थी को लाभ मिल सके और जो अपराधी है, उन्हें सरकार द्वारा सजा भी दिया जाता है। अगर पीड़िता की आयु 14 वर्ष से कम है तो मुआवजे की राशि मे 50 प्रतिशत धन राशि दी जा सकती है और यदि महिला पढी लिखी है तो उसके लिए नौकरी की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी।
पीडिता स्वरोजगार शुरु करने के लिए लोन भी ले सकती है। यदि पीड़िता का आयु घटना के समय 14 वर्ष से कम है। तब उसे सहायता की राशि दस लाख दिया जाएगा। एसीड अटैक विक्टिम के इलाज में आने वाली खर्च को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से दिया जाता है। जो इलाज मे आने वाली खर्च सीधे अस्पताल मे ट्रांन्सफार करने का प्रावधान है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य इस प्रकार की घटनाओं से पीड़ित को जीवन स्तर सुधारने के उन्हे सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करना और जिला एंव सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में क्रिमिनल इज्युटी के पेन्शेसन बोर्ड का गठन किया गया है। संविधान कहता है कि मूल अधिकार का रक्षा करना राज्य का जिम्मेदारी है।
कानूनी तौर पर सरकार भी नैतिक और समाजिक अधार पर भी पीड़ित की रक्षा करने और उनका पुर्नावास करने को वाध्य है। उसी के मद्देनजर रखते हुए सीआरसी धारा 357(4) बनाये जाने के बाद राज्यों मे भी विक्टिम कॉंन्पेसशन स्कीम वर्ष 2009 मे बनाई गई है।
उन्होंने लोगों से आगामी 9 सितम्बर को जिला एंव अनुमंडलीय स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से बिजली, फौजदारी, वाहन दुर्घटना क्लेम, माप तौल, मनरेगा, राजस्व और भू अर्जन आदि संबंधित मामलों का सुलहनामा निःशुल्क करवाने की अपील की।
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