राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर महोत्सव-2024 के तहत 21 से 27 दिसंबर तक आयोजित होने वाले ग्राम श्री मेला में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और हस्तशिल्प कारीगरी का भव्य प्रदर्शन देखने को मिलेगा। इस आयोजन में बिहार सहित देश के विभिन्न राज्यों और जिलों से आए शिल्पकार अपनी अद्वितीय कृतियों और पारंपरिक उत्पादों के साथ भाग लेंगे।
इस मेले का मुख्य उद्देश्य भारत की प्राचीन हस्तशिल्प और परंपरागत कारीगरी को प्रोत्साहन देना है। इसमें शामिल उत्पाद स्थानीय कला और शिल्प के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दर्शाते हैं।
जम्मू-कश्मीर: पशमीना शॉल, सूट, साड़ी और ऊनी वस्त्र जैसे उत्पाद शीतलहर में गर्माहट का अनुभव कराएंगे।
उत्तराखंड: जैकेट और लोही चादर जैसी वस्तुएं अपनी सादगी और गुणवत्ता के लिए आकर्षित करेंगी।
असम: बांस शिल्प से बनी वस्तुएं पर्यावरण के प्रति सजगता और शिल्प कौशल का परिचय देंगी।
झारखंड: अचार, पापड़-बड़ी, आर्टिफिशियल फ्लावर, हैंडलूम बेडशीट, खादी बंडी, चूड़ी और पारंपरिक लाठी झारखंड की विविधता को प्रस्तुत करेंगे।
हरियाणा: पंजाबी जूती और चप्पल, जो अपनी मजबूती और शैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
गुजरात: गुजराती बेडशीट की चमकदार और पारंपरिक डिजाइनों से सजावट के शौकीनों को लुभाएंगी।
दिल्ली: रेडीमेड वस्त्र, शहरी फैशन के साथ पारंपरिक परिधान की झलक दिखाएंगे।
पश्चिम बंगाल: कैटलेरी की उत्कृष्टता, जो घरों में शाही अनुभव लाएगी।
उत्तर प्रदेश: कंबल, हर्बल उत्पाद, वीविंग फैब्रिक, लेदर बैग, मोजे, कारपेट, सोफा पलंग और आयरन खिलौनों की विविधता।
मध्य प्रदेश: चूरन और सुपारी, जो देशभर में अपने अनोखे स्वाद के लिए मशहूर हैं।
छत्तीसगढ़: हैंडलूम उत्पाद जो पारंपरिक और आधुनिक डिजाइनों का बेहतरीन मेल हैं।
महाराष्ट्र: कुकवेल उत्पाद, जो किचन के लिए उपयोगी और टिकाऊ हैं।
बिहार: राजस्थानी जूती, लकड़ी के बैट, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, लेदर बैग, कंबल, मधुबनी पेंटिंग, अचार, पापड़, किचनवेयर, खिलौने और कैटलेरी बिहार की सांस्कृतिक और शिल्पकला का परिचायक होंगे।
इस तरह ग्राम श्री मेला भारतीय हस्तशिल्प की बहुमुखी प्रतिभा और परंपरा को सहेजने का एक मंच है। इस आयोजन के माध्यम से न केवल स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि इन उत्पादों की बिक्री से उन्हें आर्थिक मजबूती भी मिलेगी।
वहीं मेले में हर राज्य की अपनी अनूठी कला और परंपरा प्रदर्शित होगी, जो आगंतुकों को भारत की सांस्कृतिक विविधता और कारीगरी की समृद्धि के करीब लाएगी।
वेशक यह आयोजन न केवल शिल्पकारों के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा, बल्कि पर्यटकों के लिए यहां की ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का एक सुनहरा अवसर भी होगा। ग्राम श्री मेला की प्रदर्शनी से राजगीर महोत्सव-2024 यादगार बनेगा।
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