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    Tuesday, March 19, 2024
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      राजगीरः गबन-घोटाले में नपे मुखियाजी अब बीवियों के सहारे आजमा रहे हैं किस्मत !

      "पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की कुर्सी पर काबिज होने के लिए रिस्क तो उठाना ही पड़ता है। एक बार फिर से मुखिया जी बन गए तो फिर से चांदी हीं चांदी...

      नालंदा दर्पण डेस्क। लोकतंत्र में कुर्सी अब इतनी प्यारी हो गयी है कि मुखिया जी फिर से रिस्क लेने को तैयार है। भ्रष्टाचार में डूबे मुखियाजी के गबन और घोटाले के कारनामे एक ओर  पंचायत चुनाव के चुनावी  मुद्दे बन गए है तो दूसरी ओर उनके द्वारा जनता को फिर से बरगलाने की कवायद भी जोर शोर से चल रही है। 

      Rajgir Mukhiji who was measured in embezzlement scam is now trying his luck with the help of wives 1राजगीर प्रखण्ड में बीस अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव में गबन में फंसे मुखियाजी फिर से किस्मत आजमाने के लिए एड़ी चोटी एक कर रहे हैं। प्रखण्ड के पथरौरा पंचायत एवं गरौर पंचायत में ऐसा ही नजारा दिख रहा है।

      बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के जीरो टॉलरेंस में फंसे पथरौरा पंचायत के निवर्तमान मुखिया अनुज कुमार को शेष अवधि के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा हटा दिया गया था।

      निगरानी विभाग द्वारा प्रखण्ड कार्यालय में हीं रंगे हाथ पचास हजार रुपए घूस लेते हुए गिरफ्तार निवर्तमान मुखिया अबकी बार अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतार कर जनता का आशीर्वाद पाने की जुगत भीड़ा रहे हैं।

      मनरेगा में पांच लाख की अवैध निकासी, प्रधानमंत्री आवास योजना में 17 फर्जी लाभार्थियों को राशि भुगतान कर राशि का गबन, मनरेगा में बिना गाड़े कुल छप्पन चापाकल के पैसे की निकासी, नाम बदलकर 14 व्यक्ति को पीएम आवास योजना का दोबारा लाभ दिलाना जैसे अन्य संगीन मामलों में मुखिया पर पंचायती राज विभाग की कार्रवाई की गई और मुखिया को शेष अवधि के लिए पद से हटा दिया गया था।Rajgir Mukhiji who was measured in embezzlement scam is now trying his luck with the help of wives 111

      पंचायती राज विभाग द्वारा भ्रष्टाचार निवारण एवं प्रशासन की शुद्धता के लिए राज्य सरकार के जीरो टॉलरेन्स नीति के तहत मुखिया के लोकसेवक होते हुए आरोपित मुखिया को कर्तव्यों के निर्वहन में दुराचार बरतने एवं पदीय शक्ति का दुरुपयोग करने के आरोप में मुखिया को कार्यकाल के दौरान शेष कार्यावधि के लिए पदच्युत कर दिया गया था।

      अब मुखियाजी अपनी पत्नी कुमारी रचना भारती को मैदान में उतारकर पंचायत की सूरत बदलने की ख्वाहिश रखकर जनता का वोट बटोरने की फिराक में हैं। नामांकन में मुखिया जी के मछली पार्टी पर भी अनुमण्डल प्रशासन का छापा पड़ चुका है।

      इसी तरह राजगीर प्रखण्ड के गरौर पंचायत में भी तीस लाख तिरपन हजार के गबन में फंसे निवर्तमान मुखिया संतोष कुमार दिवाकर फिर से जनता का आशीर्वाद पाने मैदान में उतर पड़े हैं। यह मुखिया जी के जेलयात्रा के बाद पंचायत में उपमुखिया बनाकर विकास के अन्य कार्य सरकार की ओर से की गई।

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