राजगीर (नालंदा दर्पण)। पिछले 4 माह से बकाया पारिश्रमिक की मांग को लेकर ठेका सफाई कर्मियों द्वारा राजगीर नगर परिषद कार्यालय के सामने एक रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया। नगर परिषद में काम करने वाले सैकड़ों महिला-पुरुष सफाईकर्मी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। कर्मियों ने नगर परिषद पर मनमानी और शोषण के आरोप लगाए और ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि दशहरा समाप्त हो चुका हैं। दीपावली का पर्व आ गया हैं। और छठ पूजा भी आने को हैं। लेकिन अभी तक महीनों का बकाया वेतन नहीं दिया गया हैं। जबकि ठेका व्यवस्था के तहत उन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी कम भुगतान किया जाता हैं और महीनों तक वेतन रोका जाता हैं। ठेकेदार मेसर्स दीपक कुमार शर्मा द्वारा जुलाई महीने का वेतन अब तक नहीं दिया गया हैं। जबकि इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका हैं।
सफाईकर्मियों ने मांग की हैं कि उनके बकाया वेतन का भुगतान ठेकेदार की जमानत राशि से किया जाए। नगर परिषद में दैनिक मजदूरी दर सरकार द्वारा निर्धारित 392 रुपये हैं, जबकि ठेकेदार उन्हें केवल 333 से 378 रुपये का भुगतान करते हैं। उन्होंने अपने पारिश्रमिक का भुगतान सीधे बैंक खातों में कराने की मांग उठाई हैं।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भगत ने प्रदर्शन में सफाई कर्मियों के इपीएफ और ईएसआईसी कार्ड के भुगतान, ड्रेस और सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की। प्रदर्शन में अशोक कुमार, सूरज राम, रोहित कुमार, संगीता देवी, रिंकू देवी, अनिता कुमारी, कंचन देवी सहित सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मी उपस्थित थे।
वहीं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने सफाई कर्मियों से वार्ता के बाद स्पष्ट किया कि नगर परिषद के पास कर्मियों का कोई बकाया नहीं हैं। संबंधित ठेकेदार कंपनी को बकाया पारिश्रमिक का भुगतान करने का आदेश दिया गया हैं। सभी सफाईकर्मी जल्द ही अपने काम पर लौट आएंगे।
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