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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और कुसुम योजना के नाम पर लाखों की ठगी करते 5 साइबर अपराधी धराए

5 cyber criminals arrested for duping people of lakhs of rupees in the name of Pradhan Mantri Mudra-Kusum Yojana
5 cyber criminals arrested for duping people of lakhs of rupees in the name of Pradhan Mantri Mudra-Kusum Yojana

कतरीसराय (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र अंतर्गत सोमवार को साइबर ठगी पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने अहियाचक टोला में बड़े पैमाने पर छापेमारी करते हुए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और कुसुम योजना के नाम पर लोगों से ऑनलाइन ठगी कर रहे पांच साइबर ठगों को हिरासत में ले लिया। जबकि 3 साइबर अपराधी भागने में सफल रहे।

पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन देने एवं कुसुम योजना के नाम पर सोलर पंप और सोलर प्लेट लगाने का प्रलोभन देकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने राजगीर डीएसपी सुनील कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया। इस टीम में कतरीसराय थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी, एसआई शैलेन्द्र कुमार सिंह, एसआई गुरु देव खडिया, एसआई आदित्य कुमार, एएसआई रुदल पासवान और एएसआई संजय दास समेत कई अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।

छापेमारी के दौरान जब्त की गई सामग्री: पुलिस की इस कार्रवाई में पांच ठगों को गिरफ्तार किया गया। जिनकी पहचान देवजीत कुमार उर्फ देवा, चिराग पासवान उर्फ चिरैयां, विक्की साव, मनोज कुमार, और एक नाबालिग ठग के रूप में हुई। इन सभी आरोपी अहियाचक टोला के निवासी हैं।

पुलिस ने इनके पास से 6 लैपटॉप, 9 एंड्रॉयड मोबाइल, 14 कीपैड मोबाइल, 1 प्रिंटर मशीन, 3 एटीएम कार्ड, 1 लाख 57 हजार रुपए नकद, दो पासबुक, एक चेकबुक, और ग्राहकों की जानकारी से संबंधित नौ कॉपियां बरामद की हैं।

पुलिस का बयान: थानाध्यक्ष ने बताया कि यह छापेमारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। पुलिस ने विशेष अभियान के तहत ठगी में प्रयुक्त उपकरणों के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया। हालांकि  तीन ठग पुलिस के आने की भनक लगते ही भाग निकले।

पूछताछ में गिरफ्तार ठगों ने भागने वाले आरोपियों के नाम धनंजय कुमार उर्फ धनंजय साव, अनुज कुमार उर्फ अनुज साव और आलोक रंजन उर्फ देवाशीष कुमार बताया है। पुलिस के अनुसार यह गिरोह का मुख्य सरगना था और अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

साइबर ठगी का बढ़ता खतरा: सीमावर्ती क्षेत्रों के कुछ गांव साइबर ठगों के लिए सुरक्षित ठिकाने बन गए हैं। नवादा, नालंदा और शेखपुरा जिलों के कुछ गांवों में साइबर ठगी का नेटवर्क फैलता जा रहा है। पुलिस ने ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कई रणनीतिअपनाने की बात कही है। हालांकि यह चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।

समाज में बढ़ती ठगी का असर: इस तरह की साइबर ठगी से लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है। साइबर ठग सरकारी योजनाओं का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। उनसे लाखों रुपये की ठगी की जा रही है।

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