नालंदा दर्पण डेस्क। सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के राजगीर थाना पुलिस का कोई सानी नहीं है। यहां के थानेदार और अनुमंडलीय पुलिस पदाधिकारी की मनमानी का अपना ही आलम है।
इसी बीच आज बिहार शरीफ व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह मद्द निषेद मामले के विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार सिंह ने पेशी के दौरान अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान दिए बयान पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में विरोधाभास पर गहरी नाराजगी जताई है।
राजगीर ग्लोरी ग्रैंड होटल से पार्टी करते नशे की हालत में पकड़े गए 9 लोगों के मामले में विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार सिंह ने ने पूरे मामले की नए सिरे से जाँच कर राजगीर एसडीओ और डीएसपी से नहीं करा कर बिहारशरीफ सदर एसडीओ एवं डीएसपी से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही राजगीर थानेदार संतोष कुमार एवं अभियुक्तों को नशे की हालत में जांच करने वाले अनुमंडलीय अस्पताल के डॉ. रंजीत को न्यायालय में सदेह उपस्थित होकर जबाव देने को कहा है।
विशेष न्यायाधीश ने मामले के अनुसंधानक (आईओ) जितेंद्र कुमार को पेशी के दौरान केस डायरी समर्पित नहीं करने पर कड़ी फटकार लगाई। साथ ही उसे 2 दिनों में अभियुक्तों के खिलाफ लगाए गए आरोप के संबंध में अब तक की जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
विशेष न्यायाधीश ने राजगीर के ग्लोरी ग्रैंड होटल के मालिक व मैनेजर से होटल का सीसीटीवी फुटेज एवं बुकिंग रजिस्टर की अभिप्रमाणित छाया प्रति मांगी है। सीसीटीवी फुटेज 15 से 18 जनवरी 2021 तक की मांग की है।
कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों से पेशी के दौरान पूछताछ की थी। इसमें गिरफ्तार अभियुक्तों ने होटल में पार्टी के लिए होटल प्रबंधक द्वारा बार बालाएं व शराब की व्यवस्था करने की बात बताई थी।
साथ ही बरामद किए गए शराब को होटल के कमरे से ही पुलिस द्वारा जप्त किए जाने की जानकारी दी थी। हालांकि पुलिस ने अपनी एफआईआर में शराब बरामदगी की बातें टाटा सूमो गाड़ी व बाइक से मिलने की बात कही है।