Home खोज-खबर बढ़ते ऑनलाइन खरीदारी से खुदरा कारोबारियों का धंधा चौपट, भूखमरी का संकट

बढ़ते ऑनलाइन खरीदारी से खुदरा कारोबारियों का धंधा चौपट, भूखमरी का संकट

Retailers' business is ruined due to increasing online shopping, there is a crisis of hunger

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। दिन व दिन बढ़ती ऑनलाइन खरीदारी खुदरा दुकानदारों के बीच भूखमरी संकट पैदा होता जा रहा है। अगस्त की अंतिम सप्ताह से हिंदू धर्म में पर्व-त्योहार की सीजन शुरू हो जाता है। इसके लिए कारोबारियों में महिनों से तैयारी करते हैं, लेकिन इस बार कारोबारियों में चिंता सताने लगी है।

उन्हे भय है कि कंपनियों से मंगाये गये माल पर्व-त्योहार में बिकेगा या नहीं इस बात को लेकर बहुत से कारोबारियों में संशय है। क्योंकि रक्षाबंधन में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से स्थानीय कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है। हजारों की राखियां स्थानीय कारोबारियों के पास रखा रह गया है।

अब महिलाओं का पर्व तीज आ रही है, जिसके लिए साड़ी बाजार के कारोबारियों में चिंता दिख रही है। कपड़ा मंडी में तिल से लग्न तक महिलाओं समेत छोटे-छोटे खुदरा कारोबारियों की भीड देखने को मिलती थी, जो अब धीरे-धीरे कम होने लगी है। क्योंकि बहुत से महिलाएं और युवतियां ऑनलाइन साड़ी खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही है।

कारोबारियों का कहना है कि वर्षों पहले बड़े-बड़े मॉल और अब ऑनलाइन की खरीदारी ने छोटे कारोबारियों की धंधा को मंदा कर रहा है। ऑनलाइन कारोबार से सबसे पहले और सबसे ज्यादा मोबाइल, फिर लेदर, प्लास्टिक, कपड़ा, ग्रॉसरी एवं कॉस्मेटिक का व्यापार प्रभावित हुआ है। बढ़ती ऑनलाइन शॉपिंग के चलन से छोटे-छोटे दुकान अब बंद होने लगे हैं।

सोशल मीडिया के आने से बाजार पूरी तरह ऑनलाइन मार्केटिंग के हाथ में चला गया है। शहर से लेकर अब गांव- देहात तक ऑनलाइन मॉर्केट फैल गया है। घर-घर लोगों को सामान पहुंचाया जा रहा है, खासकर रेडिमेड, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम तो पूरी तरह से ऑनलाइन की गिरफ्त में हो गया है। महिला एवं युवतियों के द्वारा मोबाइल से खरीदारी करने के कारण यह ट्रेड अधिक चल रहा है।

अब तो हालत यह है कि दीपावली, छठ, फिर अन्य पर्व में भी बाजार में ग्राहक नहीं दिखते हैं। ऑनलाइन मार्केटिंग से स्थानीय विक्रेताओं पर नकारात्मक प्रभाव तेजी दिखने लगा है। स्थानीय स्टोर से ग्राहक कम हो रहे हैं। इससे छोटे दुकानदारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न होने लगा है। इंटरनेट ने व्यापार के तरीके को बहुत हद तक बदल दिया है। ऑनलाइन सिस्टम में नकली उत्पाद मिलने की अक्सर शिकायत मिलती है।

फिर भी रेडिमेड, मोबाइल, फूड आइटम से बढते हुए दवा, कृषि बीज, अनाज, चिकित्सीय सुविधा तक ऑनलाइन की पहुंच होने लगी है। बहुत से उत्पाद व निर्माण करने वाले कंपनियां अब खुद का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार कर ग्राहक तक पहुंच रही है।

ग्राहक तक माल पहुंचाने में कंपनी को सीधा फायदाः बहुत से युवा ऑनलाइन कारोबारी को सही मानते हैं। इससे सस्ता और सीधे ग्राहक तक उत्पाद पहुंचाने का बेहतर व सटीक माध्यम हैं। ऑनलाइन से ऑफर का लाभ मिलता हैं। बहुत से उत्पादन करने वाले कंपनी अपने उत्पाद का ऑनलाइन से बिक्री करना शुरू कर दिया है। इससे ग्राहक तक माल पहुंचाने में कंपनी को अतिरिक्त खर्च कम हो जाता है, जिसका लाभ ग्राहक को मिलता है।

ऐसे में बड़ी राशि जमा कर कंपनी का एजेंसी लेने वाले, फिर छोटे कारोबारी होते हुए ग्राहक तक पहुंचने वाले उत्पाद के दाम अधिक हो जाते हैं। साथ ही ग्राहक तक पहुंच पहुंचते-पहुंचते अधिक समय भी लग जाता है, लेकिन ऑनलाइन से दो से तीन दिन में लेटेस्ट माल ग्राहक तक पहुंच जाता है और अतिरिक्त राशि भी बच जाता है।

इसलिए धीरे-धीरे रोजमर्रा समेत कृषि, दवा और अन्य जरूरी सामाग्रियों की ऑनलाइन मार्केटिंग बढ़ता जा रहा है। यह बढ़ते की जनसंख्या जरूरत है। ऑनलाइन में ईएमआई से खरीदारी की सुविधा भी युवाओं को आकर्षित कर रही है। खरीदार के बाद कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कैश बैक और अन्य सुविधा उपलब्ध कराते हैं, जिसे युवा वर्ग अतिरिक्त लाभ के रूप में देखते हैं।

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