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    Sunday, March 23, 2025
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      बिहार खेल विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र जुलाई से 3 पाठ्यक्रमों के साथ शुरु होगा

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार खेल विश्वविद्यालय राजगीर में शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान के उभरते पाठ्यक्रमों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का शुभारंभ हो गया। इस कॉन्क्लेव में देशभर के प्रमुख शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और खेल विशेषज्ञों ने भाग लिया।

      इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर सिन्हा, पटना कमिश्नर मयंक वरवड़े, नालंदा डीएम शशांक शुभंकर और कुलसचिव रजनीकांत ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

      कुलपति ने कहा कि खेल का शिक्षा से गहरा संबंध हैं और विश्वविद्यालय को यूजीसी मान्यता और एआईयू सदस्यता प्राप्त हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि बिहार खेल विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र जुलाई से शुरू होगा और इसमें तीन प्रमुख पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। बिहार को खेलों का हब बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

      इस कॉन्क्लेव में विभिन्न तकनीकी सत्रों के माध्यम से एनसीटीई द्वारा प्रस्तावित 4 वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी), बीपीईएस-बीपीईडी डिग्री कार्यक्रम और यूजीसी द्वारा मान्य बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एवं खेल विज्ञान पाठ्यक्रमों पर चर्चा की गई।

      इसके अलावा एथलेटिक्स और क्रिकेट जैसे खेलों के लिए विशेष कोचिंग डिप्लोमा और स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को भी शामिल करने पर विचार किया गया।

      विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक निशिकांत तिवारी ने बताया कि इन पाठ्यक्रमों के निर्धारण में कॉन्क्लेव से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा। ताकि छात्रों को रोजगार प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो।

      पूर्व कुलपति मेजर जनरल एसएन मुखर्जी ने कहा कि खेलों की लोकप्रियता समय के साथ बढ़ी हैं और टी-20 जैसे प्रारूपों ने इसे और रोमांचक बना दिया हैं।

      पटना कमिश्नर मयंक वरवड़े ने कहा कि बिहार सरकार खेल संरचना को विश्वस्तरीय बनाने के लिए प्रयासरत हैं। राज्य में सभी पंचायतों में खेल मैदान, प्रखंड स्तर पर खेल परिसर और प्रत्येक जिले में एक प्रमुख स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा हैं। 8500 पंचायतों में से 6000 में खेल संरचना के विकास का कार्य शुरू हो चुका हैं।

      इसके अतिरिक्त बिहार सरकार ने 1500 करोड़ की परियोजना को खेलो इंडिया योजना के तहत केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा हैं। 25,000 पंजीकृत सदस्यों के साथ एक ऑनलाइन खेल क्लब की स्थापना को भी बड़ी उपलब्धि बताया गया। कुलपति शिशिर सिन्हा ने उम्मीद जताई कि आगामी ओलंपिक में बिहार के खिलाड़ी मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।

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