Home गाँव जेवार मुखियाओं की बल्ले-बल्लेः फिर कराएंगे पंचायत सरकार भवन का निर्माण

मुखियाओं की बल्ले-बल्लेः फिर कराएंगे पंचायत सरकार भवन का निर्माण

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The chiefs are in trouble: they will construct the Panchayat Government building again
The chiefs are in trouble: they will construct the Panchayat Government building again

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने राज्य की ग्राम पंचायतों के विकास के लिए एक बड़ी पहल की है। पंचायती राज विभाग ने घोषणा की है कि अब ग्राम पंचायतों में बनने वाले पंचायत सरकार भवनों का निर्माण निर्वाचित मुखिया के माध्यम से कराया जाएगा। यह फैसला पंचायतों में बेहतर प्रशासन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

राज्य के 8053 ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों का निर्माण प्रस्तावित है। इन भवनों को बहुउद्देशीय सुविधाओं से लैस बनाया जाएगा। प्रत्येक भवन का क्षेत्रफल लगभग 6600 वर्ग फीट होगा और इसमें पंचायत के सभी आवश्यक कार्यों के लिए पर्याप्त स्थान होगा।

पंचायती राज विभाग का मानना है कि मुखिया का जुड़ाव अपने क्षेत्र और पंचायत कार्यालय से गहरा होता है। उनके नेतृत्व में निर्माण कार्य न केवल समय पर पूरा होगा, बल्कि गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। पहले भी मुखिया के माध्यम से इस प्रकार के निर्माण सफलतापूर्वक किए गए हैं।

वर्तमान में 2000 ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन (LBS) द्वारा कराया जा रहा है, जबकि 2165 भवनों के निर्माण का कार्य भवन निर्माण विभाग के जिम्मे है। शेष पंचायतों में मुखिया के माध्यम से निर्माण कराने की योजना बनाई गई है।

नया पंचायत सरकार भवन केवल कार्यालय नहीं होगा, बल्कि यह एक बहुउद्देशीय केंद्र होगा। यहां सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, बैठकों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अन्य सामुदायिक गतिविधियों के लिए जगह उपलब्ध होगी। इसके अलावा इन भवनों से पंचायत प्रशासन की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

बिहार सरकार का यह फैसला न केवल ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाएगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों में भी तेजी लाएगा। मुखिया की सक्रिय भागीदारी से स्थानीय जरूरतों को समझकर योजनाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जा सकेगा। यह पहल राज्य में पंचायत राज व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उम्मीद है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शासन और विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।

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