
राजगीर (नालंदा दर्पण)। सिलाव थाना क्षेत्र के भुई गांव में एक शादी समारोह उस समय चर्चा का विषय बन गया, जब जयमाला के मंच पर दूल्हा दुल्हन को देखकर थरथर कांपने लगा। मामला इतना बढ़ गया कि शादी टूटने की नौबत आ गई और अंततः यह विवाद सिलाव थाने तक पहुंचा। पूछताछ में जो राज खुला, उसने सभी को हैरान कर दिया।
दरअसल नूरसराय थाना क्षेत्र के झामा बारा गांव के निवासी अनुज पासवान की बारात सिलाव थाना क्षेत्र के भुई गांव पहुंची। अनुज की शादी भुई गांव के पुटुस पासवान की पुत्री प्रियंका कुमारी के साथ तय हुई थी। बारात सज-धज कर पुटुस पासवान के घर पहुंची और जयमाला का कार्यक्रम शुरू होने वाला था। दूल्हा अनुज स्टेज पर दुल्हन का इंतजार कर रहा था। जबकि मेहमान और रिश्तेदार उत्साह में डूबे थे।
जैसे ही दुल्हन प्रियंका अपनी सहेलियों के साथ जयमाला के लिए स्टेज पर पहुंची, दूल्हे का व्यवहार अजीब होने लगा। दुल्हन को देखते ही अनुज के हाथ-पैर कांपने लगे और वह असामान्य रूप से घबराने लगा। यह देखकर दुल्हन प्रियंका भड़क गई और उसने शादी से इनकार कर दिया। दुल्हन के इस फैसले से बारातियों में खलबली मच गई। कुछ ही पलों में अधिकांश बाराती मौके से फरार हो गए। लेकिन दूल्हे को कुछ लोगों ने पकड़ लिया और मामला सिलाव थाने पहुंच गया।
सिलाव थाने में दूल्हे और उसके परिवार से पूछताछ शुरू हुई। दूल्हे के पिता ने पुलिस को बताया कि अनुज को गांजे की लत है। जब उसे गांजा नहीं मिलता तो उसके हाथ-पैर थरथराने लगते हैं। उन्होंने दावा किया कि जयमाला के दौरान दुल्हन को देखकर अनुज की यह हालत खुशी के कारण नहीं, बल्कि गांजे की कमी के कारण हुई। इस खुलासे ने सभी को हैरान कर दिया। दुल्हन और उसके परिवार ने इस स्थिति को अस्वीकार्य बताते हुए शादी तोड़ने का फैसला किया।
शादी टूटने के बाद दुल्हन के परिवार ने तिलक में दिए गए सामान और खर्चे की मांग की। इस मांग को लेकर दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया। सिलाव थानाध्यक्ष मो. इरफान खां को सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दूल्हा और दुल्हन पक्ष को थाने लाया गया, जहां दोनों पक्षों के बीच समझौते की कोशिश की गई। हालांकि दुल्हन पक्ष शादी करने को तैयार नहीं हुआ और तिलक के सामान की वापसी पर अड़ा रहा।
बहरहाल यह घटना न केवल सामाजिक चर्चा का विषय बनी, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि शादी जैसे पवित्र बंधन से पहले दोनों पक्षों को एक,दूसरे के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। गांजे की लत जैसी गंभीर समस्या को छिपाने की कोशिश ने न केवल दो परिवारों के बीच विवाद पैदा किया, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी कई सवाल खड़े किए। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोशिश जारी है।
भुई गांव की यह घटना एक बार फिर समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि शादी-विवाह जैसे फैसले जल्दबाजी में नहीं, बल्कि पूरी पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ लिए जाने चाहिए। दूल्हे की लत ने न केवल एक शादी को टूटने की कगार पर पहुंचाया, बल्कि कई परिवारों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई। फिलहाल सिलाव थाना पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है और दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर रही है।
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