बेन (रामावतार कुमार)। थाली के बाद अब बाजार से टमाटर गायब हो गया है। तथा मानसून के साथ टमाटर भी भाव खाने लगा है। जिस वजह से सब्जी में तड़का लगाना अब महंगा हो गया है।
दरअसल बाजारों में टमाटर दिखाई नहीं दे रहा है। टमाटर तो मानें रसोई की पहुंच से दूर हो गया है। पिछले कई दिनों से सब्जी मंडियों से टमाटर गायब दिख रहा है। सलाद के तौर पर टमाटर थाली से गायब हो गया है।
बाजार से सब्जी खरीदने आई महिलाएं सरस्वती देवी, जानकी देवी, सुधा देवी ने बताया कि आम आवाम के लिए महंगाई की मार इस कदर बढ़ गई है कि थाली तो छोड़िए बाजार से हीं टमाटर गायब हो गया है।
गृहिणियों ने कहा कि बाजार में सब्जियों के दाम बढ़ने से घर की रसोई का वजट गड़बड़ा गया है। वहीं सब्जी बिक्रेताओं ने कहा कि पहले गर्मी की मार और अब बारिश से टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है।
ऐसे तो टमाटर ने कई वर्षों का रिकॉर्ड इस वर्ष तोड़ दिया है। मानसून के सीजन में टमाटर के दामों में वृद्धि होती रही है और अधिकतम 80 रुपए प्रतिकिलो तक रहा है लेकिन इस वर्ष के दामों में काफी बढ़ोत्तरी होने से ग्राहक परेशान है।
★ स्थानीय पैदावार नहीं होने से दाम कम होने की संभावना कम: सब्जी उगाने वाले किसान रविंद्र प्रसाद, सुभाष प्रसाद, सुनील कुमार ने कहा कि वर्षा के कारण अभी नई फसल लगाना नुकसानदायक है। इस कारण टमाटर के दाम अभी कम होने की संभावना नहीं दिखती है।
टमाटर की पैदावार वाले राज्यों में इस समय वर्षा का माहौल है। किसानों ने कहा कि उत्पादन कम होने की वजह से टमाटर के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है।