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Wednesday, April 2, 2025
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Waqf Amendment Bill: काली पट्टी बांधकर पढ़ी अलविदा जुमे की नमाज

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। Waqf Amendment Bill: रमजान के पवित्र महीने का आखिरी जुमा, जिसे अलविदा जुमा के नाम से जाना जाता है। इस बार नालंदा जिले की मस्जिदों में एक अलग ही माहौल में मनाया गया। इस्लाम धर्म में रमजान माह का विशेष महत्व है और इसका आखिरी जुमा धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जाता है। हर साल इस दिन को एक त्योहार की तरह उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस बार अलविदा जुमे की नमाज के दौरान नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया।

जिले भर की मस्जिदों में शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में जमा हुए और नमाज के बाद वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर यह संदेश देने की कोशिश की कि वे सरकार के इस कदम से असहमत हैं।

नमाजियों का कहना है कि हम रमजान के आखिरी जुमे की नमाज अदा करने आए हैं। लेकिन साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी भी व्यक्त कर रहे हैं। वक्फ संशोधन बिल हमारे समुदाय के लिए स्वीकार्य नहीं है और हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं।

बता दें कि इस्लाम में जुमे की नमाज को विशेष स्थान प्राप्त है और रमजान के आखिरी जुमे को ‘जुम्मा तुल विदा’ कहकर पुकारा जाता है। यह दिन मुस्लिम समुदाय के लिए दुआ, इबादत और एकजुटता का प्रतीक होता है। आमतौर पर इस दिन मस्जिदें श्रद्धालुओं से भरी होती हैं और लोग एक-दूसरे को रमजान की समाप्ति और आने वाली ईद की शुभकामनाएं देते हैं। लेकिन इस बार नालंदा जिले में यह धार्मिक आयोजन एक सामाजिक और राजनीतिक प्रदर्शन में बदल गया। काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने का फैसला वक्फ संशोधन बिल के प्रति समुदाय के गुस्से और असंतोष को दर्शाता है।

वक्फ संशोधन बिल पर क्यों है विवाद? केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण से जुड़े कई बदलाव शामिल हैं। सरकार का दावा है कि यह संशोधन वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए है। जबकि मुस्लिम समुदाय का मानना है कि यह बिल उनके धार्मिक और सामुदायिक अधिकारों में हस्तक्षेप करता है। इससे वक्फ संपत्तियों पर समुदाय का नियंत्रण कमजोर होगा और यह उनकी धार्मिक स्वायत्तता के खिलाफ है।

अलविदा जुमे के मौके पर नालंदा जिले में देखा गया यह विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराजगी है। जैसे-जैसे रमजान का महीना समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और ईद का त्योहार नजदीक आ रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर सरकार और समुदाय के बीच संवाद कैसे आगे बढ़ता है।

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