बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजगीर बुद्ध सर्किट टूरिस्ट वे के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की योजना तैयार हो चुकी है, और प्रारंभिक तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। सालेपुर-राजगीर पथ को फोरलेन हाइवे के रूप में विकसित करने के लिए 8 अरब 62 करोड़ 63 लाख रुपये की लागत आएगी।
इस परियोजना के तहत 2 फ्लाईओवर और 101 क्रॉस ड्रेनेज स्ट्रक्चर का निर्माण होगा, जो सड़कों और नहरों के नीचे पानी के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करेंगे। ताकि सड़क और नहरों को कोई नुकसान न हो। यह मार्ग पटना से शुरू होकर सालेपुर, नूरसराय, अहियापुर होते हुए सिलाव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-120) से जुड़ेगा।
नालंदा के डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि इस फोरलेन हाइवे के निर्माण से पटना से राजगीर आने वाले पर्यटकों को एक सुगम और वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। यह मार्ग सिलाव और राजगीर के बीच NH-120 पर आवागमन को और आसान बनाएगा।
इस परियोजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए, ताकि यह परियोजना जल्द से जल्द पूरी हो सके।
यह टूरिस्ट वे बुद्ध सर्किट का हिस्सा है, जिसे कुशीनगर से वैशाली, करौटा, तेलमर, राजगीर, गया और सारनाथ को जोड़ते हुए एक रिंग रोड के रूप में विकसित किया जाएगा। इसे फोरलेन के साथ-साथ एक्सप्रेस-वे के रूप में भी तैयार किया जाएगा।
इस मार्ग के निर्माण से पटना से राजगीर की दूरी 31 किलोमीटर कम हो जाएगी। वर्तमान में यह दूरी 108.43 किलोमीटर है, जो घटकर मात्र 77 किलोमीटर रह जाएगी। परिणामस्वरूप, पर्यटक और यात्री पटना से राजगीर महज डेढ़ घंटे में पहुंच सकेंगे।
इस परियोजना से बिहार के पर्यटन क्षेत्र को नया आयाम मिलने की उम्मीद है। राजगीर, जो बौद्ध सर्किट का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। इस नए मार्ग से न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह परियोजना बिहार सरकार की उस पहल का हिस्सा है, जो राज्य को पर्यटन और आर्थिक विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में काम कर रही है।
डीएम कुंदन कुमार ने संबंधित अधिकारियों को निर्माण कार्य में किसी भी तरह की देरी न होने देने के सख्त निर्देश दिए हैं। इस परियोजना के समयबद्ध पूरा होने से न केवल बिहार के पर्यटन क्षेत्र को बल मिलेगा, बल्कि यह बुद्ध सर्किट को और अधिक सुलभ बनाएगा। यह परियोजना बिहार के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।



