राजगीर (नालंदा दर्पण)। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले राजगीर जरासंध अखाड़ा को लेकर जिला पदाधिकारी (डीएम) शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में आरआईसीसी भवन में जिला प्रशासन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों कीएक बैठक हुई।
इस बैठक के दौरान डीएम शशांक शुभंकर ने जरासंध अखाड़ा तक पर्यटकों की सीधी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को तुरंत हटाने का आदेश दिया और कहा कि यह पर्यटकों की सुविधा और राजगीर के पर्यटन विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। वन विभाग के अधिकारियों ने डीएम को आश्वस्त किया कि डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) की स्वीकृति के बाद मार्ग खोल दिया जाएगा।
इससे जरासंध अखाड़ा तक पर्यटकों के निर्बाध आगमन की यह पहल राजगीर के पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाने में सहायक होगी। डीएम शशांक शुभंकर की इस पहल से न केवल पर्यटकों को सुविधा होगी, बल्कि यह राजगीर की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा।
बता दें कि जरासंध अखाड़ा इतिहास और धार्मिक मान्यताओं का संगम है। आने वाले दिनों में पर्यटकों के लिए एक और बड़ा आकर्षण बन सकता है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण स्थलों में शामिल है। यह स्थल महाभारत काल की एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह है, जब कुंती पुत्र भीम और मगध सम्राट जरासंध के बीच भगवान श्रीकृष्ण की मौजूदगी में मलयुद्ध हुआ था।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण यह स्थल देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। लेकिन वर्तमान में पर्यटकों को यहां तक पहुंचने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि वन विभाग द्वारा उनके वाहनों को सोन भंडार के पास रोक दिया जाता है।
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