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    Sunday, December 22, 2024
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      हंगामेदार बैठक का फैसलाः अब ऑनलाइन होगी जिला परिषद की जमीन की जमाबंदी

      नालंदा जिला परिषद की बैठक में लिए गए ये निर्णय नालंदा जिले के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। खासकर जमीनों की ऑनलाइन जमाबंदी और व्यावसायिक उपयोग की योजनाएं पारदर्शिता और राजस्व वृद्धि के लिए नई राह खोलेंगी

      बिहारशरीफ (नालंदा)। नालंदा जिला परिषद की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कर उनकी ऑनलाइन जमाबंदी कराने का निर्णय लिया गया है। जिला परिषद सभागार में आयोजित बैठक के दौरान यह अहम फैसला लिया गया। हालांकि बैठक की शुरुआत हंगामे के साथ हुई, लेकिन डीडीसी श्रीकांत कुंडलीक खांडेकर के हस्तक्षेप के बाद स्थिति शांत हुई और बैठक सुचारू रूप से आगे बढ़ सकी।

      बैठक की अध्यक्षता को लेकर शुरुआती विवाद ने माहौल को गर्मा दिया। पूर्व में स्वीकृत पांच विवाह-सह-सभागार भवन योजनाओं को रद्द करने के प्रस्ताव ने हंगामे को और गंभीर बना दिया। परवलपुर के जिला परिषद सदस्य उदय नंदन सहित अन्य सदस्यों ने विरोध जताते हुए कहा कि प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद किसी योजना को निरस्त करना उचित नहीं है।

      डीडीसी ने हस्तक्षेप करते हुए आश्वासन दिया कि इस्लामपुर, एकंगसराय, चंडी, परवलपुर और सरमेरा में विवाह-सह-सभागार भवन निर्माण की योजनाओं पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। इसके बाद बैठक की कार्यवाही आगे बढ़ाई गई।

      जिला परिषद की सभी जमीनों को चिन्हित कर ऑनलाइन जमाबंदी कराने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा अतिक्रमण मुक्त करने और घेराबंदी कराने पर भी सहमति बनी। परिषद की सभी जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा। जिससे उनकी पारदर्शिता और उपयोग में सुविधा होगी। चिन्हित जमीनों पर अतिक्रमण हटाकर उनका सीमांकन किया जाएगा।

      वहीं जिला परिषद की खाली जमीनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए मॉल, दुकानों, बॉउंड्री और गोदामों का निर्माण करने का प्रस्ताव पास किया गया। इससे परिषद की आय में वृद्धि होगी और क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

      इस बैठक में परिषद के किराएदारों पर पांच करोड़ रुपये का बकाया होने की बात सामने आई। विशेष टीम गठित कर बकाया किराया वसूलने के लिए 15 दिनों की समय सीमा तय की गई। समय पर किराया नहीं चुकाने वाले दुकानदारों की दुकानों को सील करने का भी निर्णय लिया गया।

      वहीं जिला परिषद कार्यालय के पीछे स्थित जर्जर भवनों को तोड़कर नए भवन निर्माण की योजना पर चर्चा हुई। मनरेगा के तहत लंबित योजनाओं की स्वीकृति और कार्यादेश में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। जिला पंचायत संसाधन केंद्र के लंबित भुगतान पर चर्चा हुई और त्वरित कार्रवाई का निर्णय लिया गया।

      बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष तनुजा कुमारी ने की। डीडीसी श्रीकांत कुंडलीक खांडेकर और मुख्य कार्यपालक अभियंता तरुण कुमार ने भी महत्वपूर्ण विषयों पर सुझाव दिए। बैठक में जिला परिषद के अन्य सदस्यों ने भी अपनी समस्याएं और सुझाव प्रस्तुत किए।

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