पंचाने नदी की उफान ने बिहारशरीफ के कई मुहल्लों में मचाई तबाही

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। झारखंड से 1.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद पंचाने नदी में अचानक आई बाढ़ ने बिहारशरीफ शहर के कई मोहल्लों में तबाही मचा दी है। इस नदी में उफान आने से देवीसराय, सर्वोदय नगर, आशा नगर, हबीवपुरा, सलेमपुर, सोहसराय और रबीघा जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का पानी सड़कों और घरों में घुस गया है। जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में माइकिंग के जरिए लोगों को सतर्क किया है। लेकिन कई निवासियों का कहना है कि समय पर सहायता नहीं मिल रही है।
पंचाने नदी, जो सामान्यतः शांत रहती है, बीते बुधवार रात अचानक उफना गई। झारखंड से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे बिहारशरीफ के निचले इलाकों में पानी भर गया। देवीसराय और सर्वोदय नगर में दो दर्जन से अधिक घरों में पानी घुस गया। जिससे लोगों को अपने सामान को सुरक्षित करने के लिए रातभर जद्दोजहद करनी पड़ी। कई परिवारों ने अपने घरों की ऊपरी मंजिलों पर शरण ली। जबकि कुछ ने खुले में रात गुजारी।
देवीसराय निवासी सोमनाथ प्रसाद ने बताया कि रात में अचानक पानी घर में घुस आया। हमने जैसे-तैसे बच्चों और सामान को ऊपर ले गए। लेकिन नीचे का सारा सामान खराब हो गया। कोई मदद के लिए नहीं आया।
इसी तरह रविदास टोला के निवासियों ने प्रशासन पर नाराजगी जताई। शांति देवी ने कहा कि रातभर हम भगवान भरोसे थे। पानी घर में घुस गया और कोई अधिकारी हमारी सुध लेने नहीं आया।
बहरहाल, बाढ़ का पानी आशा नगर, हबीवपुरा, सलेमपुर, सोहसराय और रबीघा मुख्य मार्ग पर चढ़ गया है। जिससे इन रास्तों को प्रशासन ने सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से बंद कर दिया है। सड़कों पर पानी बहने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है और लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि उनका कारोबार भी प्रभावित हुआ है। क्योंकि ग्राहक इन क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन विभाग को पहले से अलर्ट कर रखा था। लेकिन बाढ़ की तीव्रता ने सभी को चौंका दिया।
जिलाधिकारी कुंदन कुमार स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं और आपदा प्रबंधन टीम को निर्देश दे रहे हैं। माइकिंग के जरिए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। हालांकि कई निवासियों का कहना है कि राहत कार्यों में देरी हो रही है।
जिलाधिकारी ने बताया कि हमारी टीमें लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। प्रभावित लोगों को राहत सामग्री और सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। नदी के जलस्तर पर भी निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित गांवों और मोहल्लों में राहत शिविर स्थापित करने की योजना बनाई है। लेकिन अभी तक इन शिविरों की स्थापना में देरी की शिकायतें मिल रही हैं।
बहरहाल, पंचाने नदी में अगर जलस्तर और बढ़ता है तो बिहारशरीफ के और भी मोहल्लों में पानी घुसने का खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियोजित जल प्रबंधन के कारण इस तरह की आपदाएं बढ़ रही हैं। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि नदी के किनारे बांधों का निर्माण और बेहतर जल निकासी व्यवस्था की जाए। ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।









