इस्लामपुर में अवसाद ग्रस्त रेलवे कर्मी ने फांसी लगा दी जान

इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड अंतर्गत वीराकुवर गांव में एक दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। एक युवा रेलवे कर्मी राजा चौहान (23 वर्ष) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।
ग्रामीणों के अनुसार राजा चौहान जवाहर चौहान के इकलौते पुत्र थे। उनके चार बहनें हैं, जिनका विवाह हो चुका है। राजा को उनके पिता के निधन के बाद अनुकंपा के आधार पर रेलवे विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में नौकरी मिली थी। वह महाराष्ट्र के भुसावल में कार्यरत था।
कुछ समय पहले एक हादसे में उनका दायां पैर कट गया था, जिसके बाद उनकी जिंदगी में कई चुनौतियां आ गई थीं। राजा का विवाह हो चुका था, लेकिन उनकी पत्नी उनके साथ नहीं रहती थी और अपने मायके में रह रही थी। हाल ही में उनकी मां का निधन हो गया था, जिसके बाद वह गहरे अवसाद में थे।
परिजनों ने बताया कि बीती रात राजा ने खाना खाया और अपने कमरे में सोने चले गए। सुबह जब वह नहीं उठा तो परिजनों ने कमरे में जाकर देखा। वहां का दृश्य देखकर सभी के होश उड़ गए। राजा ने पंखे से फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस सक्रिय हो गई। डीएसपी कुमार ऋषिराज ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और साक्ष्य एकत्र किए गए हैं। थानाध्यक्ष अनील कुमार पांडेय ने जानकारी दी कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की गहन छानबीन की जा रही है ताकि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर संदेश देती है। राजा की मां के निधन और शारीरिक अक्षमता ने उन्हें मानसिक रूप से कमजोर कर दिया था। मानसिक स्वास्थ्य और अवसाद आज के समय में एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। समय पर मनोवैज्ञानिक सहायता और परिवार का साथ ऐसी घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। परिवार और समाज के स्तर पर ऐसी परिस्थितियों में संवेदनशीलता और सहयोग की आवश्यकता होती है।









