नालंदा दर्पण डेस्क। चंडी प्रखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के दूसरे दिन ही राजनीतिक उठा-पटक शुरू हो गया। नबंर एक पर आने के लिए बुधवार सुबह से ही एक पंचायत में चूहे बिल्ली का खेल शुरू हो गया था।
चंडी प्रखंड के एक पंचायत से तीन बार से मुखिया को हराने के लिए शह और मात का खेल दिन भर चला।
प्रखंड में एक पंचायत में मुखिया प्रत्याशी के नामांकन को लेकर सुबह से ही भागदौड़ चलने लगी थी। मामला कुछ इस प्रकार था कि तीन बार से मुखिया रही प्रत्याशी को नामांकन में ही मात देने की साज़िश रची जाने लगी।
इसलिए चंडी के सत्ताधारी दल के कुछ छुटभैये नेता एक पूर्व मुखिया के साथ में मुखिया की कमान रहे। इसलिए निर्वतमान मुखिया के नाम से मिलता जुलता नाम का प्रत्याशी खोजा जाएं, ताकि निर्वतमान मुखिया को नामांकन में ही मात देकर दूसरे क्रमांक पर रखा जाएं, उसको मिलने वाला चुनाव चिन्ह पहले नंबर पर रहने वाले प्रत्याशी को मिल जाएं।
ताकि निर्वतमान मुखिया की परेशानी बढ़ जाएं और जनता में संदेश जाएं कि निर्वतमान मुखिया का ही उक्त चुनाव चिह्न है और उसका लाभ सत्ताधारी नेताओं के द्वारा खड़े किए गये मुखिया प्रत्याशी को मिल जाएं।
जब निर्वतमान मुखिया प्रतिनिधि को इसकी भनक लगी तो उन्होंने आनन फानन में बुधवार को प्रखंड कार्यालय पहुंच कर अपने मुखिया प्रत्याशी को पहले नामांकन कराकर बाजी मार ले गए। सत्ताधारी नेताओं के छुटभैय्ए मुंह ताकते रह गए।
उन्होंने हार नहीं मानी। दिनभर ड्रामा चलते रहा। कई सफेदपोश प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते रहे।
अंततः नामांकन खत्म होते होते खबर आ ही गई कि एक नबंर पर नामांकन करवाने वाली निर्वतमान मुखिया को क्रमांक 2 पर कर दिया गया। इसके बाद फिर से प्रखंड कार्यालय में हलचल तेज हो गई है।
इधर कुछ जानकार लोगों का मानना है कि यह गलती शिकायत पर सुधर सकती है। फिलहाल निर्वाचन सह प्रखंड विकास पदाधिकारी से इस संबंध में बात नहीं हो सकी है।
उधर मुखिया प्रत्याशी के प्रतिनिधि ने क्रमांक 2 पर किए जाने पर रोष दिखाते हुए वरीय पदाधिकारियों से शिकायत की है।
बताते चलें कि उक्त पंचायत में मुखिया को हराने के लिए पहले से ही तिकड़म भिडाया जा रहा है, क्योंकि मुखिया किसी बिचौलियों को पनाह ही नहीं देती है।
Comments are closed.