नगरनौसा (नालंदा दर्पण )। नगरनौसा प्रखंड-अंचल मुख्यालय भवन में एक अजीबोगरीब दृश्य सामने आई है। भवन की सीढ़ी के शिखर पर पीपल के दो नवोदित पेड़ लहलहा रहे हैं, जिसे देख लोग-बाग तो दूर अफसर भी चकित हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वे करें भी तो क्या करें।
यदि इन बड़े पौधों को काट डालें तो हरियाली नष्ट करने के साथ धार्मिक पाप भी लगेंगे और यदि छोड़ दिया जाए तो कल भवन पर खतरा उत्पन्न होना लाजमि है।
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार हरा पीपल के पेड़ काटना पाप की श्रेणी में रखा गया है, वहीं वैज्ञानिक पुष्टि के अनुसार पीपल के पेड़ मानव जीवन के लिए वरदान है, क्योंकि ये सर्वाधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं।
वेशक पीपल के इन लहलहाते नवोदित वृक्षों को देख सबकी आँखे फटी की फटी रह जाती है। प्रकृति की लीला ही है कि सीमेंट-टाइल्स लगी सीढ़ियाँ भी इनके लिए उर्वर साबित हैं।
ऐसे ये पौधे धरती पर बामुश्किल ही खिल पाते हैं। फिलहाल पीपल के ये पेड़ चर्चा के विषय बने हुए हैं कि आखिर इनका भविष्य क्या होगा….?
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