अमित शाह के सामने एक दिव्यांग ने खुद पर पेट्रोल उड़ेला, BJP विधायक पर लगे गंभीर आरोप

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण ब्यूरो)। बिहार के नालंदा जिले में चुनावी सरगर्मी के बीच एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी सभा स्थल के बाहर एक दिव्यांग व्यक्ति ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। यह व्यक्ति खुद को भाजपा का समर्थक बताते हुए स्थानीय विधायक डॉ. सुनील कुमार पर अपनी जमीन कब्जाने का आरोप लगा रहा था। घटना स्थल पर मौजूद पुलिस ने समय रहते हस्तक्षेप कर व्यक्ति को बचा लिया, लेकिन इस वाकये ने चुनावी माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है। आइए, इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं।
घटना बिहारशरीफ के श्रमकल्याण केंद्र मैदान के पास घटी, जहां अमित शाह की चुनावी सभा आयोजित की जा रही थी। सभा शुरू होने से ठीक पहले सड़क पर एक परिवार पहुंचा। परिवार का पैर से एक दिव्यांग व्यक्ति के हाथ में एक तख्ती थी। तख्ती पर लिखा था- ‘मैं बीजेपी का समर्थक हूं। विधायक व मंत्री डॉ. सुनील कुमार भूमाफिया का पड़ोसी भी हूं, जो मेरा जमीन कब्जा कर रहा है। अमित शाह जी बताइए, मैं भूमाफिया को वोट क्यों करूं’।
साथ में मौजूद दिव्यांग व्यक्ति की पत्नी रोते-बिलखते चिल्ला रही थीं– ‘मुझे इंसाफ चाहिए!’ उनका क्रंदन सड़क पर गूंज रहा था, जबकि सभा मंच से उद्घोषक की आवाज धीमी पड़ती सुनाई दे रही थी। उस वक्त अमित शाह अभी मैदान नहीं पहुंचे थे, लेकिन सभा की तैयारियां जोरों पर थीं।
अचानक दिव्यांग व्यक्ति ने अपनी जेब से पेट्रोल की बोतल निकाली और खुद पर उड़ेलना शुरू कर दिया। आसपास खड़े लोग वीडियो बनाने लगे, लेकिन इससे पहले कि वह आग लगा पाते, मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। पेट्रोल से शरीर में जलन होने लगी थी और व्यक्ति पुलिस की पकड़ से छूटने की कोशिश करता रहा।
पुलिस ने उन्हें तुरंत गाड़ी में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। स्थानीय पुलिस ने बताया कि ‘अस्पताल चौक पर एक अधेड़ ने अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़क लिया था। हमने उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया। अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है’।‘
महिला ने मीडिया से बातचीत में खुलासा किया कि उनका मकान आशा नगर में विधायक डॉ. सुनील कुमार के घर के पास है। उनके पास घर के निकट जमीन है, जिस पर विधायक कब्जा करना चाहते हैं। चहारदीवारी बनाने की कोशिश करते हैं तो पुलिस भेजकर काम रुकवा देते हैं। नालंदा पुलिस हमेशा जमीन कब्जाने में तत्पर रहती है। परिवार का कहना है कि वे भाजपा के समर्थक हैं, लेकिन स्थानीय विधायक की वजह से पार्टी से निराश हैं। वे अमित शाह से सीधे इंसाफ की गुहार लगा रहे थे।
बता दें कि यह घटना न केवल व्यक्तिगत विवाद को उजागर करती है, बल्कि बिहार में भूमि कब्जे जैसे मुद्दों की गहराई को भी दर्शाती है। नालंदा जैसे क्षेत्र में भूमाफिया और राजनीतिक प्रभाव के आरोप आम हैं और यह वाकया चुनावी मौसम में इन मुद्दों को फिर से सुर्खियों में ला रहा है।
वहीं भाजपा विधायक डॉ. सुनील कुमार ने पूरे मामले को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह विरोधियों की साजिश है। एमएलए बनने के बाद मैंने एक कट्ठा जमीन भी नहीं खरीदी है। मेरी पुश्तैनी जमीन ही काफी है। सभी विरोधी हार के डर से मेरी बेदाग छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं’।
विधायक का दावा है कि चुनाव नजदीक आने पर ऐसे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं और उनकी छवि हमेशा साफ रही है।
हालांकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर व्यक्ति की जान बचाई, लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। थानाध्यक्ष का कहना है कि पीड़ित ने लिखित शिकायत नहीं दी। क्या यह मामला आगे बढ़ेगा या चुनावी शोर में दब जाएगा, यह देखना बाकी है। नालंदा पुलिस पर पहले भी भूमि विवादों मेंपक्षपात के आरोप लगते रहे हैं।
अमित शाह की सभा सुचारु रूप से चली, लेकिन इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। भाजपा समर्थकों के लिए यह चिंताजनक स्थिति है, जबकि विपक्ष इसे मुद्दा बनाने की तैयारी में है। बिहार चुनाव में भूमि सुधार, भ्रष्टाचार और इंसाफ जैसे मुद्दे हमेशा गरम रहे हैं। क्या यह घटना स्थानीय स्तर पर वोटिंग पैटर्न को प्रभावित करेगी?









