दो भाइयों की गोलीबारी में श्राद्धकर्म में मायके आई महिला की मौत
“एक ओर जहां समाज में भाईचारे की मिसालें दी जाती हैं, वहीं संपत्ति जैसे मामलों में रिश्तों का इस तरह खून से सना चेहरा सामने आना बेहद चिंताजनक है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जमीनी विवाद किस हद तक विनाशकारी हो सकते हैं…

हिलसा (नालंदा दर्पण)। संपत्ति विवाद में वर्षों से जलते रिश्ते उस समय खून-खराबे में बदल गए, जब हिलसा थाना क्षेत्र के तिरुखिया गांव में दो सगे भाइयों के बीच हुई अंधाधुंध गोलीबारी में एक निर्दोष महिला की मौत गई। मृतका अपने भाई के श्राद्धकर्म में भाग लेने मायके आई थीं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह यात्रा उनकी आखिरी साबित होगी।
मृत महिला की पहचान पटना जिला के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र स्थित शर्टहुआ गांव निवासी दुलारचंद राम की 60 वर्षीय पत्नी सरोजा देवी के रूप में हुई है। 22 मई को सरोजा देवी के भाई की मृत्यु हो गई थी, जिसके श्राद्धकर्म में शामिल होने वह मायके आई थीं।
बताया जाता है कि शाम के समय गांव के ही दो सगे भाई विनोद महतो और मदन महतो के बीच वर्षों पुराने संपत्ति विवाद को लेकर कहासुनी शुरू हुई, जो देखते ही देखते गोलीबारी में तब्दील हो गई। दोनों पक्षों से गोलियां चलने लगीं, जिससे पूरे गांव में अफरातफरी मच गई। लोग जान बचाने को इधर-उधर भागने लगे।
इसी बीच सरोजा देवी घर के दरवाजे पर बैठी थीं। तभी एक गोली सीधे उनके सीने में आ लगी। गंभीर रूप से घायल सरोजा देवी को आनन-फानन में अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें पटना रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्यवश रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद गांव में मातम पसर गया। मृतका के भाई नागेन्द्र कुमार ने बताया कि बहन भाई की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध में शामिल होने आई थीं, लेकिन गोलीबारी की इस विभीषिका में खुद ही शिकार हो गईं।
थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि मृतका के पुत्र वरुण कुमार के बयान पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपित भाइयों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है, हालांकि वारदात के बाद दोनों आरोपी गांव से फरार हो चुके हैं।
डीएसपी रंजन कुमार ने जानकारी दी कि शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि विनोद और मदन महतो के बीच संपत्ति को लेकर वर्षों से विवाद चला आ रहा था, जो समय-समय पर झगड़े और फायरिंग में तब्दील होता रहा है। मंगलवार की गोलीबारी ने इस पारिवारिक विवाद को एक दर्दनाक मोड़ दे दिया, जिसमें एक निर्दोष महिला की जान चली गई और एक परिवार का श्राद्धकर्म मातम में बदल गया।









