बेन (नालंदा दर्पण)। मानसून को दस्तक दिए लगभग महीने का समय हो चुका है। लेकिन अब भी जिले के लोगों को झमाझम बारिश का इंतजार है। जबकि सावन के महीने में आमतौर पर बारिश का दौर जारी रहता है। लेकिन इस बार अब तक चारों ओर सूखा हीं सूखा है।
मानसून की बेरुखी से सबसे अधिक संकट जिले के अन्नदाताओं की है। आषाढ़ मास के बाद सावन के भी सूखा जानें से जिले में सूखे जैसे हालात बनने लगे है।
मानसून की बेरुखी ने अन्नदाताओं के सामने विकट संकट खड़ा कर दिया है। बारिश के इंतजार में किसानों की आंखें पथरा गई है। बारिश ने किसानों को तड़पा दिया है। कम बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है।
सूखा सावन गुजरने से अन्नदाता परेशान होने लगे हैं। किसी तरह जुगाड़ कर किसान पंम्पिंग सेट के सहारे धान की रोपाई में लगे हैं। सावन के महीने में नदी, नाले व खेत सूखे हैं।
इतना हीं नहीं सावन के महीने में गर्मी का माहौल जैसा देखने को मिल रहा है। किसानों के मुताबिक अच्छी बारिश न होने की स्थिति में नुकसान और परेशानी बढ़ सकता है।
किसान बिजेन्द्र प्रसाद, विवेक कुमार, दिलीप सिंह, सरयू सिंह ने कहा कि हमसब पम्पिंग सेट के सहारे रोपाई तो कर दिया है लेकिन बारिश न होने से परेशानी बढ़ गई है।
वहीं कई किसानों ने यह भी कहा कि सावन के महीने में खेत, नदी व तालाब अबतक सूखे हैं। और सूरज की रोशनी गर्मी का अहसास करा रहा है। मध्यम वर्गीय किसानों ने यह भी कहा कि बारिश नहीं होने पर रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा।
किसानों ने कहा कि इस वर्ष इस तरह की परिस्थितियाँ हो गई है कि किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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