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आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय में भारी बढ़ोतरी

नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार सरकार ने राज्य के 1.15 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं का मासिक मानदेय 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये और सहायिकाओं का मानदेय 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दिया गया है। इस फैसले को होने वाली कैबिनेट बैठक में औपचारिक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। साथ ही, यह बढ़ा हुआ मानदेय 1 सितंबर, 2025 से लागू होने की संभावना है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा है कि राज्य में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण और जीवन स्तर में सुधार के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की भूमिका अहम है। उनकी मेहनत और समर्पण को सम्मान देने के लिए हमने उनके मानदेय में वृद्धि का निर्णय लिया है। इस निर्णय से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और समेकित बाल विकास सेवाएं और बेहतर होंगी।

बिहार में आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के लिए पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी छह प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं। समेकित बाल विकास परियोजना (ICDS) के तहत इन केंद्रों के माध्यम से लाखों लाभार्थियों तक आवश्यक सेवाएं पहुंचाई जाती हैं। आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं इन सेवाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि 2005 में हमारी सरकार बनने के बाद से ही हमने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण को बेहतर बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दी जाने वाली सेवाएं इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं। इन केंद्रों की सफलता में सेविकाओं और सहायिकाओं का योगदान अतुलनीय है।

इस मानदेय वृद्धि से बिहार के 1.15 लाख आंगनबाड़ी सेविकाओं और इतनी ही संख्या में सहायिकाओं को सीधा लाभ होगा। यह कदम न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा, बल्कि उनके कार्य के प्रति उत्साह और समर्पण को भी बढ़ाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यक्षमता में सुधार होगा, जिसका सकारात्मक प्रभाव बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण पर पड़ेगा।

मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद अब सभी की निगाहें मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं, जहां इस प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो 1 सितंबर, 2025 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बढ़ा हुआ मानदेय मिलना शुरू हो जाएगा।

यह निर्णय न केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रोत्साहन है, बल्कि यह बिहार सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जो सामाजिक कल्याण और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए है। आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं और इस तरह के कदम इन केंद्रों को और सशक्त बनाने में मदद करेंगे।

इसके साथ ही यह कदम बिहार सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जो सामाजिक विकास और समावेशी प्रगति पर केंद्रित है। आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के इस योगदान को मान्यता देकर सरकार ने एक बार फिर अपने सामाजिक दायित्व को रेखांकित किया है।

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