“यह कार्रवाई उन कर्मचारियों के लिए एक सबक होगी। जो जिम्मेदारियों से भागते हैं और विभाग की साख को नुकसान पहुंचाते हैं…
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। शिक्षा विभाग में लापरवाही और अनुशासनहीनता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग के 10 लिपिकों पर कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। नालंदा डीपीओ स्थापना ने इन लिपिकों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए संभाग परिवर्तन की अनुशंसा की है।
डीईओ को लिखे गए पत्र में इन लिपिकों की लगातार अनुपस्थिति और आवंटित कार्य में लापरवाही के चलते विभागीय कार्यों में हो रही बाधा का हवाला दिया गया है।
स्थापना शाखा की हालिया समीक्षा बैठक में इन लिपिकों की लापरवाही उजागर हुई। काम में देरी और अनियमितता के कारण आम जनता को हो रही परेशानी ने विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया।
समीक्षा के दौरान पाया गया कि कमला कुमारी, सतीश कुमार, पप्पू कुमार, मनोज भूषण, शैलेश कुमार, अमरेश कुमार, अलिक सुंदर, संतोष कुमार, संजीव कुमार और राखी कुमारी की कार्यशैली असंतोषजनक है।
डीपीओ ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता और लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने डीईओ से इन सभी 10 लिपिकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव करने और उन पर आवश्यक कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
डीपीओ ने अन्य कर्मचारियों को भी चेतावनी दी है कि काम में लापरवाही या अनियमितता पर सख्त कार्रवाई होगी। विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार लाने और जनता की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
इस कार्रवाई के बाद विभागीय कर्मचारियों में सतर्कता बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, विभागीय कामकाज में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जनता को शिक्षा विभाग से बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
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