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चुनावी हलचल के बीच बढ़ा कारोबार, 186 कार्टन शराब समेत 2 तस्कर धराए

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण संवाददाता)। बिहार विधानसभा-2025 की चुनाव की सरगर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे शराब तस्करों की हलचल भी तेज हो गई है। मद्य निषेध कानून के सख्त प्रावधानों के बावजूद तस्कर चुनावी मौके का फायदा उठाकर अवैध शराब की सप्लाई बढ़ाने में जुटे हैं।

इसी कड़ी में नालंदा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए बिहारशरीफ-बरबीघा बाईपास पर 1973.16 लीटर अंग्रेजी शराब और बीयर से लदी पिकअप वैन को पकड़ा। इस दौरान दो शराब तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं।

यह कार्रवाई मद्य निषेध इकाई पटना से मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई। पुलिस टीम ने नकटपुरा टीओपी के पास वाहन चेकिंग अभियान चलाया था। इसी दौरान एक संदिग्ध पिकअप वैन (जो गया से नालंदा की ओर जा रही थी) को रोका गया। वाहन की गहन तलाशी ली गई तो उसमें छिपाकर रखी गई भारी मात्रा में शराब बरामद हुई। कुल 102 कार्टन बीयर (प्रत्येक कार्टन में 12 लीटर की बोतलें, कुल मिलाकर 1224 लीटर) और 84 कार्टन अंग्रेजी शराब (कुल 749.16 लीटर) मिली। पुलिस ने शराब के इन 186 कार्टनों के अलावा पिकअप वैन, दो स्मार्टफोन और अन्य सामग्री को भी जब्त कर लिया।

गिरफ्तार तस्करों की पहचान अमित कुमार पासवान (30 वर्ष) पिता शंकर पासवान निवासी राजेंद्र आश्रम थाना सिविल लाइन गया और अमर कुमार (24 वर्ष) पिता जोगी महतो निवासी मुरौरा थाना बिहार जिला नालंदा के रूप में हुई है। दोनों आरोपी शराब की इस खेप को गया से नालंदा और आसपास के इलाकों में सप्लाई करने की फिराक में थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार चुनावी मौसम में शराब की मांग अचानक बढ़ जाती है, क्योंकि कई जगहों पर यह वोटरों को लुभाने का माध्यम बन जाती है। यही वजह है कि तस्कर रिस्क लेकर बड़ी खेपें लेकर चल रहे हैं।

गिरफ्तार दोनों तस्करों से की गई प्रारंभिक पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। पुलिस का दावा है कि ये तस्कर एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं। यह गिरोह पटना, गया और नालंदा के बीच अवैध शराब की तस्करी करता है।

अमित कुमार पासवान गया का रहने वाला है और पहले भी छोटे-मोटे अपराधों में लिप्त रहा है, जबकि अमर कुमार नालंदा का स्थानीय निवासी है, जो सप्लाई चेन में लोकल लिंक का काम करता था। पुलिस अब इनसे मिली सूचनाओं के आधार पर आगे की छापेमारी की योजना बना रही है। संभव है कि इस कार्रवाई से शराब तस्करी का एक बड़ा गिरोह बेनकाब हो।

इस संबंध में बिहार थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मामला मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें सख्त सजा का प्रावधान है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चुनाव के दौरान शराब तस्करी पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। नालंदा जिले में पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी कार्रवाइयां हुई हैं, जो दर्शाती हैं कि तस्कर चुनावी हलचल का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस छापेमारी दल में पुलिस अवर निरीक्षक रौशन कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक रवि कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक खुर्शीद अंसारी, परिवीक्षाधीन पुलिस अवर निरीक्षक पायल सिन्हा, सहायक अवर निरीक्षक राकेश कुमार सिंह, सहायक अवर निरीक्षक ब्यास प्रसाद, सिपाही रमेश कुमार सुमन और अखिलेश कुमार सिन्हा शामिल बताए जाते हैं।

बता दें कि बिहार में 2016 से पूर्ण मद्य निषेध लागू है, लेकिन चुनावी मौसम में यह कानून सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि शराब की अवैध सप्लाई न केवल राजस्व को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि सामाजिक व्यवस्था को भी प्रभावित करती है। नालंदा जैसे जिलों में जहां ग्रामीण इलाके ज्यादा हैं, वहां तस्कर छोटे-छोटे रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस अब ड्रोन और सीसीटीवी की मदद से निगरानी बढ़ा रही है।

यह घटना नालंदा पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, लेकिन यह भी चेतावनी है कि तस्करी का धंधा अभी थमा नहीं है। चुनाव आयोग और राज्य सरकार ने शराब तस्करी पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। आने वाले दिनों में ऐसी कार्रवाइयां और बढ़ने की उम्मीद है।

(यह रिपोर्ट नालंदा पुलिस के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप और मीडिया सूत्रों पर आधारित है।)

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