बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। पटना विशेष निगरानी की अदालत ने राजगीर बंदोबस्त कार्यालय में तैनात रहे अमीन राजाराम सिंह को घूसखोरी के मामले में दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर आरोपी को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
पटना निगरानी ब्यूरो की टीम ने 9 अक्टूबर 2018 को अमीन राजाराम सिंह को पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। आरोपी ने शिकायतकर्ता परमानंद सिंह से उनके माता-पिता के नाम से खरीदी गई बीस बीघा जमीन का सर्वेक्षण करने के लिए प्रति बीघा एक लाख रुपये के हिसाब से बीस लाख रुपये घूस की मांग की थी।
शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर जब निगरानी टीम ने जाल बिछाया तो आरोपी मोलभाव के बाद पांच लाख रुपये पर सहमत हो गया। रिश्वत की यह रकम लेते समय उसे रंगे हाथ पकड़ा गया।
निगरानी ब्यूरो ने इस मामले की विस्तृत जांच कर चार्जशीट दायर की। अदालत में पेश किए गए सबूतों और गवाहों के आधार पर विशेष निगरानी अदालत ने राजाराम सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया।
इस मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। यह सजा उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो अपनी सरकारी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग कर जनता को परेशान करते हैं।
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