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अब सरकारी अस्पतालों में निजी एजेंसी करेगी पैथो जांच

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। स्वास्थ्य सेवाओं में पैथो जांच की सुविधा को दुरुस्त करने के लिए बिहार सरकार ने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर निजी एजेंसी का चयन किया है। अब राज्य के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी का संचालन निजी एजेंसी द्वारा किया जाएगा। हालांकि मरीजों को जांच की सुविधा पहले की तरह पूरी तरह निःशुल्क मिलती रहेगी।

जांच प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए जिला अस्पताल को हब सेंटर और अनुमंडलीय, रेफरल, पीएचसी एवं यूपीएचसी को स्पोक सेंटर के रूप में डेवलप किया जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक जांच मशीनें लगाई जाएंगी।

डीपीएम के अनुसार अब जांच सुविधा और भी बेहतर होगी। सभी स्पोक सेंटर पर सैंपल कलेक्शन होगा और हब सेंटर पर सैंपल की अत्याधुनिक तकनीक से जांच की जाएगी। ताकि मरीजों को सही और सटीक रिपोर्ट मिल सके।

नयी व्यवस्था के तहत जांच रिपोर्ट की सबसे बड़ी सुविधा यह होगी कि मरीज अपनी रिपोर्ट मोबाइल पर भी देख सकेंगे। स्पोक सेंटर से सैंपल कलेक्शन कर उसे हब सेंटर भेजा जाएगा। जहां से जांच कर 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी।

वहीं स्पोक सेंटर के मरीजों को 24 घंटे में रिपोर्ट मिलेगी। जिला अस्पताल में जांच कराने वाले मरीजों को 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट दी जाएगी। रिपोर्ट मैनुअल के साथ-साथ मोबाइल पर भी भेजी जाएगी। जिससे रिपोर्ट में पारदर्शिता बनी रहेगी।

हब सेंटर में करीब 67 प्रकार की पैथोलॉजी जांच की सुविधा होगी। इसके लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। कुछ मशीनें आ चुकी हैं और बाकी जल्द ही आ जाएंगी।

एग्रीमेंट के अनुसार निजी एजेंसी को 90 दिनों के भीतर हब सेंटर का संचालन शुरू करना होगा। इसके बाद सभी अनुमंडलीय, रेफरल, पीएचसी एवं यूपीएचसी में स्पोक सेंटर का संचालन भी शुरू किया जाएगा।

दरअसल हब-एंड-स्पोक मॉडल संचार और संसाधन प्रबंधन की एक प्रणाली है। जिसका उपयोग स्वास्थ्य सेवा में किया जाता है। इस संरचना में एक केंद्रीय सुविधा को हब के रूप में जाना जाता है। वह छोटे जुड़े हुए अस्पतालों के साथ समन्वय करती है। जिन्हें स्पोक कहा जाता है। प्रत्येक स्पोक स्थानीयकृत सेवा प्रदान करता है। जबकि हब केंद्रीकृत संसाधन, विशेषज्ञता और निरीक्षण प्रदान करता है।

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