इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। इस्लामपुर प्रखंड के बालमत बिगहा गांव में नालियों का गंदा पानी खेतों में जमा हो रहा हैं, जिससे कभी भी संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि यह समस्या सालों से बनी हुई हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया हैं।
गांव के रवि कुमार, शंकर साव, विजय केवट, विलाश केवट, मोती यादव, हीरा यादव, महेश यादव, श्यामा यादव, अनिल यादव, जमींदार यादव, सुनील साव, दीपक कुमार, कौशल कुमार, विजय यादव, छोटे यादव, रामस्वरूप यादव, रामदरश यादव, बजंती केवट आदि ग्रामीणों ने बताया कि घरों का पानी निकालने के लिए नालियां तो बनी हैं, लेकिन उनकी हालत जर्जर हो चुकी हैं। नतीजतन गंदा पानी गलियों में फैल जाता हैं, जिससे कीचड़ भरी सड़कें आने-जाने में भारी परेशानी पैदा करती हैं।
सबसे बड़ी समस्या यह हैं कि नालियों का पानी गांव के पास ही खेतों में जमा हो जाता हैं। इससे फसलें नहीं उग पातीं और खेत बंजर हो रहे हैं। ग्रामीणों की मांग हैं कि नालों की निकासी नदी की ओर की जाए। ताकि जलजमाव की समस्या खत्म हो और उन्हें राहत मिले। लेकिन बार-बार जनप्रतिनिधियों से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस जलजमाव से प्रदूषित वातावरण हमेशा बना रहता हैं। जुलाई महीने में तो दस्त की बीमारी ने पूरे गांव में कहर बरपाया था। दर्जनों लोग इसके शिकार हो गए थे। तब चिकित्सकों की टीम ने इलाज कर पीड़ितों को राहत दी थी। अब गांव में फिर बीमारी फैलने का डर हमेशा सताता रहता हैं।
चुनाव के समय सभी दलों के नेता वोट मांगने आते हैं और बड़े-बड़े वादे करते हैं कि गांव की समस्याओं से मुक्ति दिलाएंगे। लेकिन सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं। ग्रामीणों को अब इन वादों पर भरोसा नहीं रहा और वे इस उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। क्या इस बार कोई स्थायी हल निकलेगा?
