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नियोजित पंचायत शिक्षिका पर 14 साल बाद धोखाधड़ी कर नौकरी लेने का एफआईआर दर्ज

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इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। निगरांनी अन्वेषण ब्यूरो मुख्यालय पटना के पुलिस निरीक्षक सह जांचकर्ता ने इस्लामपुर थाना में एक शिक्षिका के खिलाफ धोखाधड़ी कर नौकरी करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करवाई है। नियोजित पंचायत शिक्षिका प्रियंका सिन्हा पर जांच के दौरान दिव्यांगता प्रमाण पत्र गलत प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया है। प्रियंका सिन्हा शिक्षिका प्राथमिक विद्यालय कोरावां में पदस्थापित है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।

बता दें कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका सं.-सीडब्ल्यूजेसी-15459/14 में पारित आदेश के आलोक में निगरांनी अन्वेषण ब्यूरो मुख्यालय पटना द्वारा निगरानी जांच सं.- बीएस-08/15 पंजीकृत करते हुये नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक / प्रशैक्षणिक अंक पत्रों / प्रमाण-पत्रों की जाँच हेतु जिलावार पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है।

उक्त आदेश के आलोक में नालंदा जिला में भी शैक्षणिक / प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की जाँच करने हेतु अधोहस्ताक्षरी की प्रतिनियुक्ति की गयी है।

नालंदा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) एवं इस्लामपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी  के द्वारा उपलब्ध कराये गये फोल्डर संख्या-9516 के अवलोकन से पाया गया कि नियोजित पंचायत शिक्षिका प्रियंका सिन्हा, पिता- उमेश प्रसाद, ग्राम-गुलनी, पोस्ट- मोकिलापर, थाना-हिलसा, जिला- नालंदा एवं पत्राचार पता- पति दिलीप कुमार, ग्राम- वरडीह, थाना- इसलामपुर, जिला-नालंदा, नियोजन वर्ष 2010 में पंचायत शिक्षिका के रूप में हुआ है। ये प्राथमिक विद्यालय  कोरावां  में पदस्थापित हैं। उक्त शिक्षिका के द्वारा पटना उच्च न्यायालय के द्वारा निर्धारित एमनेस्टि पिरियड में त्याग-पत्र समर्पित नहीं किया गया है।

नियोजित पंचायत शिक्षिका प्रियंका सिन्हा ने वर्ष 2010 में पंचायत शिक्षिका के रूप में योगदान किया था। इनका नियोजन पंचायत शिक्षिका के रूप में हुआ है, जिसमें दिव्यांग प्रमाण पत्र / अंक पत्र के आधार पर नियोजित किया गया है। शिक्षक जांच में नालंदा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराये गये फोल्डर में से नियोजित पंचायत शिक्षिका प्रियंका सिन्हा, पिता-उमेश प्रसाद, के दिव्यांग प्रमाण पत्र के अंक पत्र / प्रमाण सत्यापन हेतु भेजा गया।

सत्यापन हेतु भेजे गये पंचायत शिक्षिका प्रियंका सिन्हा, पिता-उमेश प्रसाद का मोतिहारी सदर अस्पताल के असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने पत्रांक- 785, दिनांक- 09.02.2023 के माध्यम से सत्यापन / जॉच प्रतिवेदन प्राप्त भेजा। जिसमें अंकित है कि दिव्यांगता कार्यालय से निर्गत नहीं है। दिव्यांग प्रमाण पत्र पर FAKE का मुहर लगाकर जाँच प्रतिवेदन/ प्रमाण पत्र वापस किया गया है।

इस प्रकार नियोजित पंचायत शिक्षिका प्रियंका सिन्हा के द्वारा एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर उक्त अंक पत्र की कूटरचना कर अंक पत्र को असली के रूप में प्रयोग कर धोखाधड़ी से आपराधिक षड्यंत्र के तहत अवैध रूप से नियोजन में लाभ प्राप्त कर नियोजन प्राप्त किया गया है, जो एक संज्ञेय अपराध है।

इस संबंध में इस्लामपुर थाना में नियोजित पंचायत शिक्षिका प्रियंका सिन्हा एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध धारा- 420 / 467/468/471 /120 (बी) भादवि के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज किया गया है।

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