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राजगीर जू सफारी की रौनक बने शेर के 4 शावक, अब यहां शेरों की संख्या 11 हुई

नालंदा दर्पण डेस्क। राजगीर जू सफारी पर्यटकों के लिए अब पहले से अधिक आकर्षक बन गया हैं। सफारी प्रशासन द्वारा शेर प्रजनन कार्यक्रम में उल्लेखनीय सफलता हासिल करने के बाद चार स्वस्थ शावकों को उनके माता-पिता के साथ विशाल जंगलनुमा इनक्लोजर में छोड़ दिया गया हैं। अब आम पर्यटक भी इन शावकों को खुले प्राकृतिक वातावरण में विचरण और अठखेलियां करते हुए देख सकेंगे। इसके साथ ही राजगीर के जू सफारी में शेरों की संख्या बढ़कर 11 हो गई हैं। इनमें दो नर और नौ मादा हैं।

शावकों के सार्वजनिक प्रदर्शन की शुरुआत के साथ ही सफारी का रोमांच कई गुना बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही हैं। सफारी अधिकारियों के अनुसार अक्टूबर और नवंबर 2024 में दो मादा शेरनियों ने दो-दो शावकों को जन्म दिया था। इन सभी शावकों को लगभग एक वर्ष तक मां की देखरेख और चिकित्सकीय निगरानी में सुरक्षित रखा गया था। अब 20 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले विशेष इनक्लोजर में इन्हें उनके माता-पिता के साथ स्वतंत्र रूप से रहने के लिए छोड़ दिया गया हैं।

राजगीर जू सफारी के निदेशक रामसुंदर एम ने बताया कि चारों शावक प्राकृतिक वातावरण में सहज हो चुके हैं। वे अपने माता-पिता के साथ खेलते दौड़ते और सामान्य व्यवहार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। सफारी प्रबंधन का कहना हैं कि इन शावकों के शामिल होने से राजगीर जू सफारी का आकर्षण कई स्तरों पर बढ़ जायेगा। अब पर्यटक गुजरात के गिर जंगल की तरह शेरों के पूरे परिवार की झलक एक ही स्थान पर राजगीर में देख सकेंगे। बिहार में पहली बार प्राकृतिक आवास जैसे वातावरण में शेरों के पारिवारिक व्यवहार को देखने का यह दुर्लभ अवसर प्राप्त होगा। इससे यहां आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी की भी उम्मीद हैं।

राजगीर जू सफारी पहले से ही शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और हिरण जैसे वन्यजीवों के खुले इनक्लोजरों के कारण जाना जाता हैं। यहां पर्यटक विशेष सुरक्षा-युक्त वातानुकूलित वाहनों में सवार होकर जंगल सफारी का अनुभव प्राप्त करते हैं। चार नये शावकों के शामिल होने से पर्यटकों को शेर परिवार को करीब से देखने और उनके व्यवहार को समझने का अवसर मिलेगा। इससे सफारी का रोमांच और बढ़ेगा। सुरक्षा और निगरानी की दृष्टि से भी सफारी प्रशासन सतर्क हैं। शावकों को चरणबद्ध तरीके से इनक्लोजर में छोड़ा गया हैं। उनकी गतिविधियों, स्वास्थ्य और माता-पिता के साथ सामंजस्य की नियमित मॉनिटरिंग के बाद ही उन्हें खुले क्षेत्र में छोड़ने काम किया गया।

अधिकारियों का मानना हैं कि प्राकृतिक वातावरण में शेर परिवार को करीब से देखने से बच्चों और युवाओं में वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। साथ ही पर्यटन को नई गति मिलेगी। उल्लेखनीय हैं कि वर्ष 2021 में गुजरात के गिर वन से एक शेर और दो शेरनियों को राजगीर लाया गया था। इन्हीं के प्रजनन से उत्पन्न चारों शावक अब राजगीर जू सफारी की नयी पहचान बन चुके हैं, वन्यजीव संरक्षण में यह उपलब्धि बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं।

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