बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 3.85 लाख शिक्षकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई हैं। लंबे इंतजार के बाद बिहार शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए नया शेड्यूल जारी कर दिया हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने घोषणा की हैं कि 6 नवंबर 2024 से शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया: शिक्षक 6 से 20 नवंबर 2024 तक ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस दौरान उन्हें 10 अलग-अलग स्थानों का चयन करने का मौका मिलेगा। जहां वे ट्रांसफर की इच्छा रखते हैं। सबसे खास बात यह हैं कि शिक्षक जितनी बार चाहें। इस दौरान अपने चुने गए स्थानों को बदल सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। जिससे शिक्षकों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कौन कर सकेंगे आवेदन: इस प्रक्रिया में पुराने शिक्षक, बीपीएससी से चयनित शिक्षक और सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षक आवेदन कर सकेंगे। सबसे पहले गंभीर बीमारी से ग्रस्त या दिव्यांग शिक्षक और महिलाएं (जो अपनी गृह पंचायत से बाहर ट्रांसफर चाहती हैं) को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा ट्रांसजेंडर शिक्षक भी इस प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।
ट्रांसफर की पॉलिसी और सॉफ्टवेयर: शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए एक नया सॉफ्टवेयर तैयार किया हैं। इस सॉफ्टवेयर का 2-3 दिन तक आंतरिक ट्रायल किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या न हो। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस सॉफ्टवेयर की जानकारी पहले ही दे दी गई हैं। ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी होगी।
महत्वपूर्ण तिथियां:
- आवेदन की शुरुआत: 6 नवंबर 2024
- आवेदन की अंतिम तिथि: 20 नवंबर 2024
- सॉफ्टवेयर का आंतरिक ट्रायल: 2-3 दिन
- ट्रांसफर-पोस्टिंग की लिस्ट जारी: दिसंबर 2024
- नए स्कूल में ज्वाइनिंग: 1 से 10 जनवरी 2025
विशेष प्रक्रिया और कमेटी: ट्रांसफर-पोस्टिंग के बाद अगर किसी भी शिक्षक को उनकी पोस्टिंग को लेकर कोई समस्या आती हैं तो इसकी जांच के लिए जिला स्तर पर एक विशेष कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी हर प्रकार की समस्याओं का निवारण करेगी और सुनिश्चित करेगी कि हर शिक्षक को सही स्थान पर भेजा जाए।
आशा की किरण: यह कदम न केवल शिक्षकों को नई जगहों पर स्थानांतरित होने का अवसर देगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाएगा। नए ट्रांसफर पोर्टल और नीति के माध्यम से बिहार के शिक्षक अब अपने कार्यस्थल को चुनने में अधिक स्वतंत्रता महसूस करेंगे।
बहरहाल, शिक्षा विभाग का यह निर्णय राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी पहल मानी जा रही हैं। जिससे शिक्षक और शिक्षा दोनों में सुधार होगा।
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