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सावन माह में खेत में कादो की जगह उड़ती धूल से किसान चिंतित

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बेन (रामावतार कुमार)।  कृषि प्रधान क्षेत्र में वर्षा का अभाव एवं अबतक नदियां सूखी, खेतों में उड़ रही धूल से किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। सावन माह में रिमझिम बारिश की जगह तेज धूप है। किसानों को अकाल पड़ने की संभावना नजर आ रही है। बारिश के अभाव में धान की रोपाई बाधित है।

कुछ कुछ गांवों में कुछ किसान बोरिंग पम्पिंग सेट के संसाधनों से कुछ खेतों में धान की रोपाई किए हैं, जिसे प्रतिदिन सिंचाई करना परेशानी का सबब है। कुछ किसान जिनके पास संसाधन नहीं है वे बिचड़ा बचाने में परेशान हैं।

इतना हीं नहीं लगातार और प्रतिदिन चल रहे बोरिंग पम्पिंग सेट चलने के कारण क्षेत्र में पेयजल संकट की समस्या उत्पन्न होती जा रही है। कम गहराई वाले चापाकल व समरसेबुल पानी उगलना बंद कर दिया है। किसान बादलों की ओर टकटकी लगाए हैं कि कब बारिश हो। लेकिन कोई उम्मीद नहीं जग रही है।

इस वजह से क्षेत्र के किसान गौरीशंकर, दिलीप कुमार, विरेन्द्र प्रसाद, संजीव प्रसाद, रोहित कुमार, अर्जुन प्रसाद आदि ने कहा कि खरीफ फसल नहीं होने पर किसानों को बड़ा नुकसान होगा। मौसम की बेरुखी और तेज धूप व गर्मी की वजह से खेतों में कादो की जगह धूल उड़ रही है। वहीं धान की नर्सरी पानी के अभाव में तेज धूप से दोपहर में मुरझा जा रही है।

किसान चन्द्रदीप प्रसाद, मनोज सिंह, हरिहर प्रसाद, उपेन्द्र प्रसाद आदि ने कहा कि जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन नहीं है उनके सामने धान की नर्सरी बचाना भी मुश्किल हो गया है। क्योंकि तापमान अधिक के कारण खेतों की नमी खत्म हो गई है।

प्रखंड कृषि पदाधिकारी ईश्वरी राम ने बताया कि इस वर्ष प्रखंड क्षेत्र में सात हजार से अधिक हेक्टेयर में धान रोपाई का लक्ष्य है, लेकिन बारिश के अभाव में धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। जो भी रोपाई अबतक हो पाई है वो निजी बोरिंग पम्पिंग सेट के सहारे की गई है जो लक्ष्य के 12 से 15% के करीब है।

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