राजगीर (नालंदा दर्पण)। ऐतिहासिक सूर्यपीठ बड़गांव परिसर में छठ महोत्सव के शुभ अवसर पर एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसने लोगों का दिल जीत लिया। साहित्य और संस्कृति के इस अनूठे संगम में बिहार की लोक परंपराओं की सोंधी महक के साथ हास्य और व्यंग्य का अनोखा समागम देखने को मिला। इस अवसर पर सूर्यनारायण जागृति मंच द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में श्रोताओं की तालियों से माहौल गूंज उठा।
कार्यक्रम की शुरुआत दरभंगा से आयीं चर्चित कवयित्री डॉ. तिष्या श्री के सरस्वती वंदना से हुई। जिसने सभा में पवित्रता का संचार किया। इसके बाद पटना के युवा शायर विकास राज ने अपनी काव्य पंक्तियाँ प्रस्तुत कीं।
वहीं छठ पर्व की महिमा का वर्णन करते हुए कहा, “जहाँ पवित्र हर एक सुबह है और पावन हर शाम है, जो स्वयं सूर्य की नगरी है और छठी मैया का धाम है।” इस पंक्ति ने श्रोताओं को छठ पर्व की गहरी आस्था से जोड़ दिया।
सम्मेलन में सबसे बड़ी तालियाँ बटोरीं प्रसिद्ध हास्य कवि शंभू शिखर ने। उन्होंने अपनी कविता “हम श्रम नायक हैं भारत के और मेधा के अवतारी हैं, हम सौ पर भारी एक पड़े, हम धरती पुत्र बिहारी हैं,” सुनाकर सभा में जोश भर दिया। शंभू शिखर की हास्य कविताओं पर दर्शकों की ताली और हंसी की गूंज देर तक सुनाई देती रही।
हास्य कवि कुमार संजय ने अपने हास्य-व्यंग्य से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। उनके व्यंग्य के तीखे प्रहार और हास्य फुलझड़ियों ने माहौल को हल्का और मनोरंजक बना दिया। वहीं नवादा के कवि ओमकार शर्मा कश्यप और युवा कवि प्रशांत बजरंगी ने भी अपनी कविताओं से दर्शकों का दिल जीत लिया।
इस कवि सम्मेलन का मुख्य आकर्षण रहा मंच के मार्गदर्शक और चर्चित गीतकार संजीव कुमार मुकेश ने अपनी प्रसिद्ध पंक्तियाँ “गाँव का लड़का और गाँव की लड़की” पढ़कर गाँव की महत्ता और उसकी सादगी को युवाओं तक पहुँचाने का प्रयास किया।
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार उमेश प्रसाद उमेश ने अपनी मगही रचनाओं से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनकी रचनाओं में मगध की मिट्टी की सोंधी महक और व्यंग्य की धार का अनोखा संगम देखने को मिला।
इस अवसर पर साहित्य और समाजसेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यंग्यकार उदय भारती को “माँ मालती देवी स्मृति सम्मान” से सम्मानित किया गया। उन्हें अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह और 5100 रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गई।
कार्यक्रम के अंत में सभी कवियों को प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की मुहर की प्रतिकृति के रूप में स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस कार्यक्रम में बड़गांव के गणमान्य लोग, जैसे पर्यटन विभाग के जनसूचना अधिकारी रवि शंकर उपाध्याय, समाजसेवी रघुवंश कुमार और अन्य कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्व उपस्थित थे। श्रोताओं ने इस कार्यक्रम का खूब आनंद उठाया और छठ महोत्सव के इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
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