बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार राज्य में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग प्रक्रिया इस वर्ष के अंत तक पूरी की जाएगी। वहीं बिहार शिक्षा विभाग शिक्षकों को नए स्कूल में रैंडमाइजेशन के आधार पर पोस्टिंग दी जाएगी।
अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के अनुसार इस प्रक्रिया के तहत अगले हफ्ते एक नई वेबसाइट लांच की जाएगी। जहाँ शिक्षकों के लिए ऑनलाइन आवेदन का फॉर्मेट उपलब्ध होगा।
इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी ट्रांसफर-पोस्टिंग कंप्यूटर आधारित प्रणाली द्वारा की जाएगी। शिक्षकों से आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे और इस प्रक्रिया में शिक्षकों को पर्याप्त समय दिया जाएगा। ताकि वे इस व्यवस्था का लाभ उठा सकें।
महिला, दिव्यांग और असाध्य रोगग्रस्त शिक्षकों के लिए विशेष प्रावधानः महिला और दिव्यांग शिक्षकों के लिए स्थानांतरण का विकल्प उनके अपने पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत ही रखा जाएगा। वहीं असाध्य रोगों से ग्रस्त शिक्षकों को भी अपने पंचायत में ही स्थानांतरित होने का मौका दिया जाएगा। पुरुष शिक्षकों के लिए दस अनुमंडल का विकल्प रहेगा। जिसमें से वे अपना पसंदीदा स्थान चुन सकते हैं।
सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की विशिष्ट शिक्षक पद पर नियुक्तिः इस वर्ष की सक्षमता परीक्षा पास एक लाख 87 हजार 818 शिक्षकों में से अधिकांश को विशिष्ट शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। इसमें से एक लाख 84 हजार 452 शिक्षक ही परीक्षा में शामिल हुए थे। जिनमें से एक लाख 73 हजार 527 की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है। जिन शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं हो पाई है। उन्हें पुनः अवसर दिया जाएगा ताकि वे भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें।
इसके अतिरिक्त शिक्षकों की बायोमेट्रिक और आधार सत्यापन समस्याओं के समाधान के लिए भी विशेष कदम उठाए गए हैं। उदाहरण के तौर पर जिन शिक्षकों का आधार सत्यापन या बायोमेट्रिक सत्यापन अधूरा रह गया था। उन्हें पुनः काउंसलिंग का अवसर मिलेगा। वहीं दस्तावेजों के सत्यापन में देरी के कारण भी कई शिक्षकों को अब मौका दिया जाएगा।
ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया विंटर वेकेशन के दौरान पूरी होगीः यह ट्रांसफर-पोस्टिंग प्रक्रिया विंटर वेकेशन के दौरान पूरी की जाएगी ताकि जब स्कूल पुनः खुलें तो शिक्षक अपने नए पदस्थापित स्कूल में उपलब्ध हों। इस प्रक्रिया में शिक्षक अपनी नई नियुक्ति से राज्यकर्मी के दर्जे और सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
शिक्षा विभाग की इस नई योजना से यह आशा की जा रही है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति और स्थानांतरण में तेजी आएगी और यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी बनेगी। बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में इन प्रयासों के साथ राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षकों के सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती दे रही है।
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