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सभी सरकारी अस्पतालों में तत्काल रोगी कल्याण समिति गठित करने का आदेश

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने और अस्पतालों के प्रशासन को रोगियों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाने के लिए रोगी कल्याण समिति (पीडब्ल्यूसी) के गठन का आदेश दिया है।

बिहार राज्य स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने नालंदा जिला सिविल सर्जन को जारी एक आदेश में स्पष्ट किया है कि सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जल्द से जल्द रोगी कल्याण समितियों का गठन किया जाए।

गौरतलब है कि पिछले 10 महीनों से सभी स्तर के अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियाँ भंग पड़ी थीं, जिससे अस्पताल प्रशासन में सुधार की प्रक्रिया रुकी हुई थी। अब स्वास्थ्य सचिव के आदेश से यह स्पष्ट होता है कि सरकार रोगियों की भलाई को प्राथमिकता दे रही है।

रोगी कल्याण समिति की भूमिकाः रोगी कल्याण समिति का उद्देश्य अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना, आर्थिक कठिनाइयों के बिना रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना और अस्पतालों में प्रबंधन को जवाबदेह बनाना है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि इस समिति के गठन से सुनिश्चित किया जाएगा कि रोगियों को समय पर और उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।

आदेश के अनुसार अनुमंडलीय अस्पतालों में समिति के अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी होंगे, जबकि सदस्य सचिव के रूप में उपाधीक्षक कार्य करेंगे। इसके अलावा इस समिति में नगर निकाय के अध्यक्ष द्वारा नामित एक पार्षद और विभाग द्वारा नामित छह सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। जिनमें दो महिलाएं और एक अनुसूचित जाति का सदस्य होगा।

रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इसी प्रकार की समितियाँ गठित की जाएंगी, जिनका नेतृत्व प्रखंड विकास पदाधिकारी करेंगे।

दिशा निर्देश में संशोधनः स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि रोगी कल्याण समिति के संशोधित दिशा निर्देशों को विभाग द्वारा तैयार किया गया है, जो पहले के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। पिछले वर्षों में इन समितियों की कार्यप्रणाली और संरचना में कई चुनौतियां रही हैं, जिनका सामना करने के लिए नए दिशा निर्देशों में सुधार किया गया है।

इस प्रकार बिहार स्वास्थ्य विभाग का यह कदम न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए है, बल्कि यह अस्पतालों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। जिससे आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके।

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