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    Friday, December 27, 2024
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      नव नालंदा महाविहार विश्वविद्यालय स्थापना दिवस समारोह स्थगित करने की घोषणा दुर्भाग्यपूर्ण

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। नव नालंदा महाविहार  के मुख्य द्वार पर बढ़ती ठंड के बिना प्रभाव किए हुए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के द्वारा धरना पर बैठे कर्मियों के समर्थन में उतरे असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार पासवान ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि नव नालंदा महाविहार के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के द्वारा महाविहार के कार्यालय आदेश 1624/ 2022 दिनांक: 28 /10/ 2022 को निरस्त करने, पूर्व की तरह सभी 25 संविदा कर्मियों को यथावत रूप से काम करने, पीएफ, बीमा आदि का सुविधा प्रदान करने, पहचान पत्र निर्गत करने, आउट सोर्स पर रोक लगाने, स्थायीकरण करने आदि विभिन्न मांगों को लेकर बीते एक नवंबर से धरना पर बैठे हैं।

      उधर महाविहार के दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को महाविहार प्रशासन के द्वारा 18 दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुध नहीं लेने से आक्रोशित कर्मियों ने 19 नवंबर से भूख हड़ताल करने का ऐलान किया है। जिसे देख नव नालंदा महाविहार के कुलपति प्रोफेसर वैद्यनाथ लाभ ने प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 20 नवंबर को आयोजित होने वाले स्थापना दिवस समारोह को स्थगित करने की घोषणा की है जो काफी निंदनीय  व दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्मियों का आंदोलन तेज होने से घबराए कुलपति के द्वारा कार्यक्रम स्थगित करना , मांगों को पूरा नहीं करना यह एक भ्रष्टाचारी अहंकारी व कायरता का परिचायक है।

      डॉ पासवान ने महाविहार के कुलपति को चेतावनी देते हुए कहा है कि महाविहार में आयोजित कार्यक्रम को एक साजिश के तहत स्थगित की गई कार्यक्रम को महाविहार के अलावा अन्य जगहों पर कार्यक्रम करने का प्रयास किया गया। तो वैसे स्थिति में मांगे पूरी नहीं होने तक गरीब, दलित, पिछड़ा, शोषित, पीड़ित कर्मियों को न्याय दिलाने को लेकर असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस, भीम आर्मी, नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच, भाकपा माले, जन कल्याण मंच, राकंपा के अलावे दर्जनों संगठनों के द्वारा वहां भी विशाल प्रदर्शन प्रदर्शन कर कर्मियों के साथ न्याय की मांग  करेंगे।

      वही धरना पर बैठे कर्मी प्रतिभा कुमारी ने बताया कि हमलोगों की लड़ाई अहिंसात्मक तरीके से की जा रही है और हमें पूरा विश्वास है कि अहिंसा के बल पर  अपनी जायज मांगों को लेकर रहेंगे। और पूर्व से निर्धारित 19 नवंबर से भूख हड़ताल पर सभी कर्मी जाएंगे, मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगी।

      उन्होंने कहा कि  अनशन के दौरान बैठे कर्मियों के साथ किसी भी तरह  के अप्रिय घटना होती है तो इसकी सारी जवाबदेही महाविहार प्रशासन, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार व जिला प्रशासन नालंदा की होगी।

       

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