नालंदा दर्पण डेस्क। दिन व दिन साइबर क्राइम का स्वरुप बदलता जा रहा है। इस अपराध से जुड़े प्रायः युवा वर्ग के लोग रोज नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को भयभीत कर चूना लगा रहे हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि तेजी से बदल रहे माहौल के बीच साइबर सिक्योरिटी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। पूरे देश के साथ बिहार में भी लगातार डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर साइबर ठग आपराधिक वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
यही कारण है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर साइबर क्राइम के नए तरीकों को लेकर एक नया अलर्ट जारी किया है। इसमें साइबर अपराधियों द्वारा जांच एजेंसियों का अफसर बताकर लोगों एवं उनके परिजनों की गिरफ्तारी की बात कर छोड़ने के नाम पर पैसे की मांग करने लगे हैं।
साइबर क्राइम को इस तरीके को डिजिटल अरेस्ट नाम दिया गया है। इसको लेकर लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गयी है। ठगी होने की स्थिति में शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 और व्हाट्स एप नंबर- 8544428404 पर करने की भी सलाह दी है।
सरकारी एजेंसियों के नाम पर ठगी: साइबर ठग अब सरकारी एजेंसियों के नाम पर लोगों को डरा धमकाकर पैसे ऐंठने का काम रहे हैं।
साइबर ठग अब पुलिस अधिकारी, सीबीआइ, नारकोटिक्स विभाग, रिजर्व बैंक, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों की ओर से ब्लैकमेल और डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देकर लोगों से वसली करने लगे हैं।
ऐसे करता है डिजिटल अरेस्टः राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर बड़ी संख्या में ठगी का नये तरीके के बारे में शिकायतें मिलने लगी है।
ठग कुरियर पैकेट में मिले सिम, इंक्स, आधार कार्ड का दुरुपयोग करके, मनी लॉन्ड्रिंग, टेररिस्ट कन्वर्जन में नागरिकों का मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हैं।
इन मामलों में जालसाज आमतौर पर संभावित पीड़ित को कॉल कर कहते हैं कि पीड़ित ने कोई पार्सल भेजा है या प्राप्त किया है जिसमें अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या अन्य कोई प्रतिबंधित वस्तु है।
कभी-कभी वे यह भी सूचना हैं कि पीड़ित का कोई करीबी या प्रिय व्यक्ति किसी अपराध या दुर्घटना में शामिल पाया गया है और उनकी हिरासत में है। ऐसे कथित केस में समझौता करने के लिए पैसों की मांग की जाती है।
हेल्पलाइन नंबर 1930 और वाट्सएप्प 8544428404 पर करें शिकायतः साइबर क्राइम आज एक संगठित आर्थिक अपराध का रूप ले चुका है जिसे सीमा पार से अपराध सिंडिकेट द्वारा संचालित किया जाता है।
गृह मंत्रालय ने साइबर ठगी की शिकायतें तत्काल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 और वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर करने की सलाह दी है।
वहीं बिहार में डिजिटल अरेस्टिंग से संबंधित शिकायत आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) से की जा सकती है। इसके लिए इओयू ने सोशल मीडिया पेट्रोलिंग और मॉनीटरिंग यूनिट का व्हाट्सएप्प नंबर- 8544428404 और ई-मेल आईडी भी जारी किया है।
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