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अब आधुनिक पर्यटन और खेल का पर्याय बना रहा है राजगीर

राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर कभी अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए जाना जाता था। लेकिन अब तेजी से आधुनिक पर्यटन और खेल का केंद्र बनता जा रहा है। यहां की बदलती तस्वीर को देखकर न केवल स्थानीय लोग, बल्कि आने वाले पर्यटक और खेल प्रेमी भी कह रहे हैं कि अब राजगीर बदल रहा है। राजगीर की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और अब खेलकूद के क्षेत्र में उभरता योगदान इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना रहा है।

नेचर सफारी और जू सफारी का आकर्षणः राजगीर की खूबसूरत वादियों में पर्यटन की अपार संभावनाएं छिपी हुई हैं। यहां के पर्यटन स्थलों को नए सिरे से सजाया और संवारा जा रहा है। नेचर सफारी और जू सफारी पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय हो रहे हैं। वे राजगीर के पर्यटन को एक नया आयाम दे रहे हैं। आने वाले समय में क्लीफ वॉक और ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था भी तैयार की जा रही है। इससे सैलानियों का अनुभव और भी समृद्ध होगा।

खेल विश्वविद्यालय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में राजगीर न केवल पर्यटन, बल्कि खेल के क्षेत्र में भी एक नई पहचान बना रहा है। यहां खेल विश्वविद्यालय और राजकीय खेल अकादमी की स्थापना से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन किया जा रहा है। यह न केवल खेल प्रेमियों के लिए रोमांचक होगा, बल्कि राजगीर को एक खेल हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।

खजुराहो की तर्ज पर शुरू हुई राजगीर महोत्सव: 1986 में शुरू हुआ राजगीर महोत्सव का उद्देश्य था राजगीर के अध्यात्म और पर्यटन को बढ़ावा देना, जेकि अब एक अनूठी पहल साबित हुई। यह महोत्सव खजुराहो के तर्ज पर आयोजित होता है और इसके माध्यम से राजगीर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर खास पहचान मिली है। हालांकि इस साल महोत्सव की तैयारियों को लेकर वह पुरानी तत्परता देखने को नहीं मिल रही है। जहां पहले कई महीने पहले से इसकी तैयारियां शुरू हो जाती थीं, इस बार अब तक आयोजन की तिथि भी तय नहीं हुई है।

सुकून और रोमांच का संगमः राजगीर में नेचर सफारी, जू सफारी और घोड़ाकटोरा झील जैसे पर्यटन स्थल पर्यटकों को शांति, सुकून और रोमांच का अनूठा अनुभव प्रदान कर रहे हैं। घोड़ाकटोरा झील के पास बना इको पार्क और वहां का शांत वातावरण लोगों को आकर्षित कर रहा है। रोपवे का आनंद भी पर्यटकों के लिए खास अनुभव बन गया है। खासकर केविन रोपवे बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों के लिए एक वरदान की तरह साबित हो रहा है। पहले मुक्ताकाश में चेयर लिफ्ट का ही मजा लिया जाता था। लेकिन अब केविन रोपवे से यात्रा और भी सुविधाजनक हो गई है।

बिहार में राजगीर बना 21वीं सदी का आधुनिक पर्यटन स्थलः 21वीं सदी के 24वें वर्ष में राजगीर न केवल अध्यात्म और धर्म का केंद्र बना हुआ है, बल्कि आधुनिक पर्यटन और खेलकूद का भी केंद्र बन रहा है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे हैं। ये प्रोजेक्ट न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें यहां अधिक समय ठहरने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।

बहरहाल, राजगीर कभी प्राचीन इतिहास और अध्यात्म के लिए मशहूर था। वेशक अब तेजी से आधुनिक भारत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बन रहा है। सरकार और स्थानीय प्रशासन के निरंतर प्रयास से यह शहर न केवल बदल रहा है, बल्कि विश्व मानचित्र पर अपनी जगह मजबूत कर रहा है।

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