राजगीर (नालंदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर के चौक चौराहों पर लगातार जाम की स्थिति हमेशा बनी रहती है। इससे रोजाना पर्यटक जुझते हैं। यहां पहुंचने पर खुद को कोसते हैं। लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
यह आलम बरकरार है कि यहां यातायात व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। जिसे जिधर इच्छा होती है, उधर जाते हैं। जहां इच्छा होती है, वहां अपनी वाहन को पार्किंग करते हैं। उन्हें कायदे कानून से कोई लेना देना नहीं है। मनमानी जगहों पर पार्किंग करने वालों को यहां कोई रोकने-टोकने वाला भी नहीं है।
यह बिडंबना ही है कि आजादी के 76 साल बाद भी पर्यटक शहर राजगीर में एक अदद पार्किंग नहीं है, जहां ई-रिक्शा, टमटम कार और बाइक लगाया जा सके। पथ परिवहन विभाग के बस पड़ाव पर प्राइवेट वाहन मालिकों का कब्जा है। एसबीआई को छोड़कर शहर के किसी बैंक को अपना पार्किंग नहीं है। यही हाल होटलों की है। इक्के-दुक्के होटलों को छोड़ किसी के पास पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
बड़ी-बड़ी दुकानों और मॉल के पास भी अपनी पार्किंग नहीं रहने के कारण ग्राहक अपनी कार और बाइक को सड़क पर लगाकर ही मार्केटिंग करते हैं। जिसके कारण यातायात व्यवस्था अक्सर ध्वस्त होते रहता है। यहां की सड़कों को कहीं ई रिक्शा, तो कहीं बाइक और कार घेरे रहता है। इससे जाम की समस्या बार-बार उत्पन्न होते रहती है।
यही हाल धर्मशाला रोड, मेन बाजार और गिरियक रोड चौराहा (हनुमान चौक) के पास की है। करीब तीन दशक पहले ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था चौक चौराहा पर थी। लेकिन जैसे-जैसे राजगीर का विकास हो रहा है। आबादी बढ़ रही है। देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। वैसे-वैसे व्यवस्था दिन पर दिन बदहाल होती जा रही है।
शहर के किसी भी चौक चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस अथवा ट्रैफिक सिग्नल नहीं है। इसके कारण वाहन चालकों की मनमानी पराकाष्ठा पर है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन यातायात नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ नकेल कसने में सफल नहीं हो रही है। यही कारण है कि हर कोई ट्रैफिक रूल्स को तोड़कर आगे निकलने के लिए बेताब दिखता है।
इतना ही नहीं, बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बाइक, कार, बस, ई-रिक्शा एवं अन्य वाहन चलाकों को कोई रोकता- टोकता भी नहीं है। यह कहना गलत नहीं होगा कि पर्यटक शहर राजगीर की सड़क को ही पार्किंग मानकर लोग जहां तहां इच्छानुकूल गाड़ियां पार्किंग करते हैं।
शहर में पार्किंग स्थल नहीं होने के कारण सड़क पर ही ई रिक्शा, टमटम लगाकर पैसेंजर को चढ़ाया और उतारा जाता है। जहां-तहां वाहन पार्किंग करने वालों के विरुद्ध भूल कर भी कोई अभियान शहर में नहीं चलाया जाता है, जिसके कारण मनमानी पार्किंग करने वालों के हौसले दिन पर दिन बुलंद होते जा रहे हैं।
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